जय गणपति, जय जय गजानन.
वक्रतुंड करो, विघ्न निवारण....
रिद्धि सिद्धि के, तुम हो दाता,
तुम गणेश, तुम प्रथम विधाता।
अर्धचंद्र किये, सिर पर धारण
मंगलमूर्ति, हे शुभ कारण,
जय गणपति, जय जय गजानन...
वक्रतुंड करो, विघ्न निवारण....
एकदंत, बुद्धि के स्वामी,
काज संवारों, अंतर्यामी।
महाकाय, भक्तों के तारन,
गौरीनंदन, मूषक वाहन।
जय गणपति, जय जय गजानन
वक्रतुंड करो, विघ्न निवारण....
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