मुद्दतों बाद एक चेहरा ज़ेहन में उतरा थावक्त कुछ यूँ बीता कि शख्स ही उतर गया -
मुद्दतों बाद एक चेहरा ज़ेहन में उतरा थावक्त कुछ यूँ बीता कि शख्स ही उतर गया
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जब लिखना चाहा तेरे बारे मेंछोड़ मझधार डूब गया किनारे मेंजाने क्या जादू किया आसमान से सितारे नेसब भूल गया मैं तो उसके एक ही इशारे में -
जब लिखना चाहा तेरे बारे मेंछोड़ मझधार डूब गया किनारे मेंजाने क्या जादू किया आसमान से सितारे नेसब भूल गया मैं तो उसके एक ही इशारे में
वो नवाज़िशों का नूर अब मयस्सर नहींवो तस्कीनी रिवायत अब सिर्फ़ ख़्वाबीदा है -
वो नवाज़िशों का नूर अब मयस्सर नहींवो तस्कीनी रिवायत अब सिर्फ़ ख़्वाबीदा है
ख़ुदा का उसलूब की दे दी उसको कामतउसके ही बाशिंदे करते फिर रहे हैं उसकी निज़ामत -
ख़ुदा का उसलूब की दे दी उसको कामतउसके ही बाशिंदे करते फिर रहे हैं उसकी निज़ामत
कि वह मेरी उम्मीद पर खरी उतरेगीऔर देखो ना मेरी उम्मीदआज भी उम्मीद लगाये ही बैठी है। -
कि वह मेरी उम्मीद पर खरी उतरेगीऔर देखो ना मेरी उम्मीदआज भी उम्मीद लगाये ही बैठी है।
Time itself is ‘Tired’Of giving whatever you desired. -
Time itself is ‘Tired’Of giving whatever you desired.
और दिल से दी गयी यातनादोनों ही ईश्वर तक ज़ल्दी पहुँचती हैं। -
और दिल से दी गयी यातनादोनों ही ईश्वर तक ज़ल्दी पहुँचती हैं।
जब किताब के पन्ने स्याही से भर गए होंतो एक नयी कहानी कविता के रूप में जन्म लेती है -
जब किताब के पन्ने स्याही से भर गए होंतो एक नयी कहानी कविता के रूप में जन्म लेती है
हाँ डर लगता हैकुछ खोने में तो कुछ पा लेने मेंखुली आँखों से देखे हुएउन सभी सपनों को हक़ीक़त का नाम देने में डर लगता हैआखिरकारये डर ही तो हमें निडर बनाकर ज़िंदा भी रखता है -
हाँ डर लगता हैकुछ खोने में तो कुछ पा लेने मेंखुली आँखों से देखे हुएउन सभी सपनों को हक़ीक़त का नाम देने में डर लगता हैआखिरकारये डर ही तो हमें निडर बनाकर ज़िंदा भी रखता है
जीवन चाहे छोटा होलेकिन ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए -
जीवन चाहे छोटा होलेकिन ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए