Prabhakar Dwivedi  
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"सब मोह माया है अपुन सिर्फ लिखने आया है"
Joined 19 February 2019


"सब मोह माया है अपुन सिर्फ लिखने आया है"
Joined 19 February 2019
10 SEP 2023 AT 22:59

सच्चे इश्क़ में पड़ा आशिक़,
समन्दर नहीं देखता गहराई नहीं देखता।

डूब जाता है माशूक के प्यार में वो इस कदर,
रूसवाई नहीं देखता वो तन्हाई नहीं देखता।

महबूब की आँखें जो दिखादे, देख लेता है,
अच्छाई नहीं देखता वो बुराई नहीं देखता।

खुद को जोड़ लेता है अपने सनम से इस कदर वो,
के जुदा होकर भी उस से वो जुदाई नहीं देखता।।

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29 JUL 2021 AT 15:06

हो तेरे शहर में चर्चा,बस मेरी दिल्लगी का
मुझे अपनी आशिक़ी का वो मुक़ाम चाहिए
क़ब्र मेरी हो..........और नाम तेरा लिखा हो
बस मेरी मोहब्बत का मुझे यही अंजाम चाहिए!!

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28 JUL 2021 AT 0:54

Road-trip.......

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7 JUL 2021 AT 0:47

हर रोज़ तुम्हें पाता हूँ, तुम्हें खोता हूँ मैं
मिलता हूँ तुमसे और जुदा होता हूँ मैं।

ये कैसी चुभन है जो सीने से जाती नहीं
मारे दर्द के अंदर से ख़ुद को भिगोता हूँ मैं।

अब होश नहीं रहता तुम्हारे जाने के बाद
कब नींद से जगता हूँ और कब सोता हूँ मैं।

धक् से होता है ये दिल तुम्हारे जिक्र भर से ही
क्यूँ अब भी अपना नाम तुम संग ही पिरोता हूँ मैं।

ये सच है की तुम्हारा आना मुमकिन नहीं है अब
तब भी रोज़ तुमसे मिलने के ख़्वाब संजोता हूँ मैं।

ये मोहब्बत है इक रोज़ तुमने ही कहा था मुझसे
तो कैसे अब तुम्हारी नफ़रत के काबिल भी नहीं होता हूँ मैं।।

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17 JUN 2021 AT 14:32

मैं जो नहीं लिखता वही क्यूँ मुझे लिखना होता है
मैं खरीदा नहीं जाता अक्सर जहाँ मुझे बिकना होता है!

मुख्तलिफ लोग हैं यहाँ मुख़्तलिफ़ अंदाज़ लिए
तो मुझे ही क्यूँ किसी भीड़ में दिखना होता है!!

ये दुनिया है आगे बढ़ेगी यूँ ही तुम्हे पीछे हटाकर
जो खड़ा रहना है अगर तो मजबूती से टिकना होता है!

यूँ ही नहीं बन जाता कोई लेख़क कोई शायर यहाँ
बरसोंबरस कई ख्यालों की राख़ में पहले सिकना होता है!!

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16 JUN 2021 AT 14:53

ये जो ज़िंदगी है मेरी ,अब तेरी मोहताज़ नहीं है
माना कि तू चाहिए थी कल,पर तू ज़रूरत आज़ नहीं है
टूटकर बिखरा था तेरे जाने से पर अब उड़ना है मुझे
पंख भी मेरे हैं,और अब तू इनकी परवाज़ नहीं है!!

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15 JUN 2021 AT 13:28

"तू कमज़ोर है तू नारी है"
चलो हटाओ ये बातें पुरानी, पुरुष अब तेरी बारी है!

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15 JUN 2021 AT 12:28

हो प्रेम में वियोग तो पूजते हैं लोग
क्यूँ प्रेम में मिलन को कोई सम्मान नहीं!
मर कर जो मिले मशहूर हो गए
जीते जी मिलने वालों की है कोई पहचान नहीं!
क्यूँ अधूरी प्रेम कहानियां पूरी लिखी हैं
और पूरी प्रेम कहानियों का कहीं कोई नाम नहीं!

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14 JUN 2021 AT 20:13

ग़र गौर करूँ तो इश्क़, मुक़म्मल हुआ मेरा
तू किसी की भी होजा, मैं तो हो गया तेरा।

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10 JUN 2021 AT 13:47

जो बादल पानी देता है वो धरती से ही लेता है..
धरती पे रहने वाला अक्सर ख़ुद को आसमान कर लेता है।

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