उधेड़बुन से जीवन में हर बार,
कुछ कमी सी रह जाती है,
अथक करते है प्रयास,
सफलता हाथ नहीं आती है,
संघर्ष कितना करू आखिर,
इसका कोई दूसरा छोर नहीं,
हर प्रयास का समापन होता है,
सफलता का कोई दौर नही,
जीवन की डगर में ना सफल हुए,
ना ही चरम ए मोहब्बत मिल सकी,
करते रहे प्रयास मगर फिर भी,
भले ही जीवन को ना सफल डोर मिली,
क्या हुआ जो थोड़ी कमी रह गई,
फिर से नई ऊर्जा नया प्रयास करेंगे,
जीवन सफल हो ना हो शायद,
पर अपनी मोहब्बत को सफल कर लेंगे l
-