Pawan Kumar  
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Joined 28 May 2020


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Joined 28 May 2020
28 JUL 2023 AT 1:54

मैं प्रेम की परिभाषा लिखूं या लिख दुं तेरा नाम
ना छल ना कपट बस प्रेम ही तेरा काम
मेरे दुख में रोये तू, मेरी खुशी में नजर उतारे
मैं घर जब तक ना आऊं, तू दरवाजे को ही निहारे
मेरी आहट को जाने, मेरी मुस्कुराहट को पहचाने
मैं तेरी एक ना मानु, तू मेरी हर बात माने
गलती करूं तो डांटती हो और,
रूठ जाऊं तो लग जाती हो मनाने
दूर जाने की बात करूं तुमसे तो लगती हो आँशु छुपाने
दुनियां खराब है, खराब है जमाना लगती हो बताने
सच माँ प्रेम की सही परिभाषा हो तुम
तो बता.....?
मैं प्रेम की परिभाषा लिखूं या लिख दुं तेरा नाम...!!

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28 JUL 2023 AT 0:59

खड़ा हूँ मैं, अपने हौसलों से खड़ा हूँ
अपने सपनो के लिए अपनो से लड़ा हूँ
खुद को अकेला पा कर ना जाने कितनी बार डरा हूँ
सफलता की राह पर चलते हुए कई बार गिरा हूँ
पर खड़ा हूँ मैं, अपने हौसलों से खड़ा हूँ
असफलता मिलने पर अकेले में रो पड़ा हूँ
गलत ना होते हुए भी अपनी गलती स्वीकार करा हूँ
हार कर कदम पीछे हटाने पर खुद से भी लड़ा हूँ
उच्च अधिकारी हो या सामान्य कर्मी सबके पैर परा हूँ
कामयाब होने की जिद पर अब तक अरा हूँ
खड़ा हूँ मैं, अपने हौसलों से खड़ा हूँ...!!

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28 JUL 2023 AT 0:00

आप कितनी भी कोशिश कर लो,
किसी भी रिश्ते को बचाने की...
अगर सामने वाला आपसे नाता तोड़ना चाहता हो,
तो बस उसे एक बहाने की जरूरत होती है...!!!

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20 FEB 2023 AT 21:22

सबके होते हुए भी अकेला हो गया हूं
अपने स्वाभिमान के लिए अकेला हो गया हूं
अपनो की भीड़ में अपना नही कोई
सोच और दुःख की और धकेला गया हूं
जान भुझ कर सबकी नजरों में तोला गया हूं
सबके होते हुए भी अकेला हो गया हूं।।

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23 JAN 2023 AT 20:43

उनकी यादों को लिए उनके शहर पहुंचे थे,,
लौटे तो अपना सब कुछ हार चुके थे,,
उनकी एक मुस्कान पर....

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21 DEC 2022 AT 23:19

शादियों का खुशनुमा माहौल था
उसके झूठे वादे याद आ गए....

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21 DEC 2022 AT 18:18

सौख तो पापा के पैसों से पूरे होते थे....
खुद के पैसों से तो जरूरतें भी पूरी नही होती।।

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26 OCT 2022 AT 23:50

उड़ने को है त्यार, वो पंछी फिर से अपने पंख पसार
दुआ करते हैं, अबकी उसका जो बसेरा हो
हर दिन उसकी जिंदगी में, खुशियों का सवेरा हो
बनी रहे उसकी चचाहक, फिर से ना अंधेरा हो
याद ना आये अपने घोंसले की, ऐसा उसका बसेरा हो।।

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25 OCT 2022 AT 19:36

आज रात दीवाली वाली
आज बात दीवाली वाली
भुला कर बात पुरानी वाली
देदो एक मुसकान दीवाली वाली
Happy Diwali❤️❤️❤️

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20 OCT 2022 AT 0:13

दोस्त हूं तेरा ना समझ, मेरी ना समझी को अपना लो ना
तुम्हारी बात दिल पर लगी थी , दिल से बुला लो ना
हो गयी बहुत नाराजगी तुमसे, फिर से दोस्त बना लो ना
फिर से खड़ा हूं सर झुकाये, प्यार से गले लगा लो ना

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