किसी कार्य को पूर्ण करने के लिये देर तक जागने से अधिक जल्दी जागना आवश्यक है -
किसी कार्य को पूर्ण करने के लिये देर तक जागने से अधिक जल्दी जागना आवश्यक है
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कोई हालात नहीं समझता ,तो कोई जज़्बात नहीं समझता, ये तो अपनें अपनें समझ की बात है जनाब, कोई कोरा कागज़ पढ़ लेता है,तो कोई लिखी किताब नहीं समझता।। -
कोई हालात नहीं समझता ,तो कोई जज़्बात नहीं समझता, ये तो अपनें अपनें समझ की बात है जनाब, कोई कोरा कागज़ पढ़ लेता है,तो कोई लिखी किताब नहीं समझता।।
कड़क धूप है हर जगह ,छांव थोड़ी हैये शहर है मेरे दोस्त, गांव थोड़ी है,तैर के जाना है दूर....दरिया पार, अपने पास नांव थोड़ी है...:-)आशीष -
कड़क धूप है हर जगह ,छांव थोड़ी हैये शहर है मेरे दोस्त, गांव थोड़ी है,तैर के जाना है दूर....दरिया पार, अपने पास नांव थोड़ी है...:-)आशीष
न झुकेंगी ये, और फिर उठेंगी येतो कैसे नशे का कारोबार होगा,तमन्ना है इस ❤️ की तुझसे ही,हर जन्म में हमको प्यार होगा😚😘 -
न झुकेंगी ये, और फिर उठेंगी येतो कैसे नशे का कारोबार होगा,तमन्ना है इस ❤️ की तुझसे ही,हर जन्म में हमको प्यार होगा😚😘
इक ज़रिया है ये सिर्फ , वजह का इसे नाम न दे।कश्ती डुबोई है कमबख्त लहरों ने , तू दरिया को इल्ज़ाम न दे। -
इक ज़रिया है ये सिर्फ , वजह का इसे नाम न दे।कश्ती डुबोई है कमबख्त लहरों ने , तू दरिया को इल्ज़ाम न दे।
मुक़ाम दर मुक़ाम, मंज़िलों को छूता चला ।कल के दरख्तों की नींव, पौधों में पिरोता चला।।अब कैसे मिटेगी ये हस्ती भी जब भला,धरा के रग-रग में अमरता के निशां छोड़ता चला।। -- वृक्ष लगाएं पर्यावरण को बचाएं -
मुक़ाम दर मुक़ाम, मंज़िलों को छूता चला ।कल के दरख्तों की नींव, पौधों में पिरोता चला।।अब कैसे मिटेगी ये हस्ती भी जब भला,धरा के रग-रग में अमरता के निशां छोड़ता चला।। -- वृक्ष लगाएं पर्यावरण को बचाएं
मेरे यार क्या गज़ब कर गए,दुश्वारियां किस्मत की वो,मौसम पर मढ़ गए। -
मेरे यार क्या गज़ब कर गए,दुश्वारियां किस्मत की वो,मौसम पर मढ़ गए।
चंद सिक्कों के लोभी बंदे,अपना ईमान बेच देते हैख़ुदा की क्या कहें,ज़रूरत पढ़े तो ये ख़ुदा को भी बेच देते हैं।। -
चंद सिक्कों के लोभी बंदे,अपना ईमान बेच देते हैख़ुदा की क्या कहें,ज़रूरत पढ़े तो ये ख़ुदा को भी बेच देते हैं।।