तेरे साथ बड़ा मुक्कमल सा जहां लगता है धरती तो क्या अपना सा आसमां लगता है वक़्त रुकता ही नहीं रेत की तरह हाथो में तेरी बाहों में ही अब मर जाने को जी चाहता है
मेरी रूह पे आज भी है निसान तेरे प्यार के की तुझसे मिलकर सांसे तक महकती थी कभी क्या हुवा जो नहीं तू इस जन्म किस्मत में मेरी छे जन्मो का साथ अभी बाकी है सनम |