मानव गर रहता मनुज,तो था कितना ठीक।देवासुर होता सहज,पर यंत्र बना हुआ दीख।। -
मानव गर रहता मनुज,तो था कितना ठीक।देवासुर होता सहज,पर यंत्र बना हुआ दीख।।
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दिखने में दो दिख रहे,पर दोनो भए हैं एक।सब इंसा यह चाहते,पाना पावन प्रिती नेक।। -
दिखने में दो दिख रहे,पर दोनो भए हैं एक।सब इंसा यह चाहते,पाना पावन प्रिती नेक।।
इतना सवाल क्यों।मांगा तो तुमसे प्रेम हीइतना मलाल क्यों। -
इतना सवाल क्यों।मांगा तो तुमसे प्रेम हीइतना मलाल क्यों।
आवाज दो सब कह रहे,आता नहीं सुनके आवाज।वह कहते कहते मर गया, नही है सहायक परकाज। -
आवाज दो सब कह रहे,आता नहीं सुनके आवाज।वह कहते कहते मर गया, नही है सहायक परकाज।
खा जायेगीमीत हमारी जान।चुप रहने से भला,गाली ही दे दो जान।। -
खा जायेगीमीत हमारी जान।चुप रहने से भला,गाली ही दे दो जान।।
कईयो को मंजिल मिली, इसी राह पर चल।राही तू रुकना नहीं, बस रहो निरंतर चल।। -
कईयो को मंजिल मिली, इसी राह पर चल।राही तू रुकना नहीं, बस रहो निरंतर चल।।
इक तू ही है संसार मेरा,अपनाले या फिर दुत्कारे,एक तू ही है बस प्यार मेरा। -
इक तू ही है संसार मेरा,अपनाले या फिर दुत्कारे,एक तू ही है बस प्यार मेरा।
रखे,वो करते मेहनत से काम।जबतक नही पाते सफलता,तब तक करते नही आराम।। -
रखे,वो करते मेहनत से काम।जबतक नही पाते सफलता,तब तक करते नही आराम।।
तब एक सुधारक नाम।जो पावक शीतल करे,वो अवध पति श्री राम।। -
तब एक सुधारक नाम।जो पावक शीतल करे,वो अवध पति श्री राम।।
हो सकता है चांद, तम पर रीझे तज चांदनी।यह एकाकीपन का बांध, टूटे से नही टूटता।। " -
हो सकता है चांद, तम पर रीझे तज चांदनी।यह एकाकीपन का बांध, टूटे से नही टूटता।। "