जो हमारे पास होता है, उसे हम देखते नहीं है और जो नहीं होता है, उसको हम तरसते रहते हैं, सुकून तो बहुत होता है हमारी जिंदगी में.... बस हमें लेना ही नहीं आता....
बस एक तुम ही तो हो जिसके पास , आने के लिए मुझे , कोई गाड़ी की जरुरत नहीं पड़ती... बस अपने ख्यालों को पंख लगा लेती हूँ, और पहुँच जाती हूँ तुम्हारे पास ...
यूँ ही तुम पर हक़ जता हो गया, और पता ही नहीं चला कब दिल से तुम्हें इतना चाह लिया, हालाँकि इस रिश्ते को दोस्ती का नाम दिया था, बस दोस्ती से थोड़ा-सा बढ़ कर चाह लिया.... और देखो ना ! आज, हक़ दोस्ती वाला भी, मैनें गवां लिया ...