Nupur Raz   (नूपुर राज़)
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Insta I'd - nupur_writes_0316
Joined 11 July 2020


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8 MAY AT 19:41

प्रेमी के लिए आए
सुन्दर लड़कियों के रिश्तों से
गिरता है प्रेमिकाओं का मनोबल
हाथों में किताबें लिए
उठ खड़ी होती हैं प्रेमिकाएं
किसी सरकारी नौकरी के सपने लिए।

झांकती हैं वे आइने में
प्रेम का समर्पण लिए
स्वयं का अर्पण लिए
उठ खड़ी होती हैं प्रेमिकाएं
आत्मविश्वास के किस्सों सी छपने के लिए।

"नूपुर राज़"



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8 MAY AT 19:39

प्रेमी के लिए आए
सुन्दर लड़कियों के रिश्तों से
गिरता है प्रेमिकाओं का मनोबल
हाथों में किताबें लिए
उठ खड़ी होती हैं प्रेमिकाएं
किसी सरकारी नौकरी के सपने लिए।

झांकती हैं वे आइने में
प्रेम का समर्पण लिए
स्वयं का अर्पण लिए
उठ खड़ी होती हैं प्रेमिकाएं
आत्मविश्वास के किस्सों सी छपने के लिए।

"नूपुर राज़"



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21 APR AT 10:47

हम जिनकी मोहब्बत में हैं
हमें उनसे मोहब्बत है! ये सवाल कैसा है
सारे शहर को खबर है हमारी
इक वो बेखबर हमसे ये कमाल कैसा है
उनको ना पाकर भी
उन्हें खोने का डर ये ख़याल कैसा है
इश्क़ ना होकर भी
इश्क़ की उलझन हाय ये हाल कैसा है
उनका होकर भी
उनके लिए ना होने का ये मलाल कैसा है।।

"नूपुर राज़"

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12 APR AT 1:03

उम्र भर चढ़ा है ये इश्क़ का खुमार
ज़रा आहिस्ता से तबाह कीजिएगा।।

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25 MAR AT 19:01

पक्के रंग भी उतर गए मेरे चेहरे से!
एक तुम्हारे इश्क़ का रंग है कि....
मुझ पर चढ़ा और गहरा होता गया!!

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3 MAR AT 11:12

पतझड़, बर्फ, बारिश, धूप
हर मौसम का हर एक सूकुन
मुझे तुम सा लगता है।
एक तेरा ही ख़याल है
जो मेरी तन्हाइयों से उलझता है।

सर्द बर्फ न गिरे भले
सर्द में वो बादल तो बरसता है
कुछ ऐसे ही तुम्हारा एहसास
आज भी मुझमें ठहरता है।

कुछ ख़ामोशियां जिन्हें
घंटों भरी बातें बन उड़ना है
कुछ भींगी सी सड़कें हैं
जिन्हें एक राह बनकर जुड़ना है
सुनो मुझे तुमसे फिर मिलना है।।



"नूपुर राज़"




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16 FEB AT 21:18

पूरा दिन उसकी नाराजगी में गुमनाम है
तन्हाइयों में सिर्फ रात ही बदनाम है।
वक्त को संजोए रखता है जो सख्स
उसी पर वक्त की कमी का इल्ज़ाम है।
ज़ख्म इकट्ठे कर लायी हूं तेरी यादों से
आखिर दर्द ही मेरे इश्क़ का मकाम है ।।

"नूपुर राज़"



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13 DEC 2023 AT 18:42

इश्क़ का ख़्याल जब भी मुझे गुजरता है
एक शख्स का चहरा मेरे जहन में उतरता है,
उसकी एक झलक जाने कितनों का दिन संवरता है
मेरा दिल उसकी ही दहलीज़ पर जाकर बिखरता है:
मेरा मन उसकी तलाश में शहर भर में भटकता है
एक वो है कि बहुत दूर जाकर ठहरता है ।।

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27 NOV 2023 AT 18:12

कुछ इस कदर हम तेरी मोहब्बत में मदमस्त रहे
मौसमों से लड़़कर शाख़ पर पले और बहार के लिए बिछड़ते रहे।।

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21 NOV 2023 AT 18:26

मैं तेरे ख़्यालों का काफ़िर
भटकूं तेरी यादों में जैसे कोई हो मुसाफिर!
मैं सुकून तलाशने निकला थी दूर कहीं
मुझे मिला भी तो तेरी यादों का पहाड़ आखिर।।

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