मैंने खुद को उसके आसरे पर छोड़ा है नूर ,तू रब है मेरा,मेरी तकदीर का कोई फैसला कर । -
मैंने खुद को उसके आसरे पर छोड़ा है नूर ,तू रब है मेरा,मेरी तकदीर का कोई फैसला कर ।
-
सही कहते हैं लोग ,की वक्त गुजर जाता हैऔर गुजर भी जाता हैलेकिन कुछ यादें ठहरसी जाते है और कुछलम्हे कभी भुलाएनहीं जाते। -
सही कहते हैं लोग ,की वक्त गुजर जाता हैऔर गुजर भी जाता हैलेकिन कुछ यादें ठहरसी जाते है और कुछलम्हे कभी भुलाएनहीं जाते।
अपना किरदार निभाना हैफिर इस जहां से चले जाना है,सारी रंजिशें खुद मिट जाएंगी बस मौत के गले लग जाना है,इस रंग बदलती दुनिया ने या रबदिलों को बहुत दुखाया है,मुझे तुझसे लौ लगाना हैबस तेरी रहमत मे आना है,यादों को छोड़ जाना हैलौट कर यहां कभी न आना है। -
अपना किरदार निभाना हैफिर इस जहां से चले जाना है,सारी रंजिशें खुद मिट जाएंगी बस मौत के गले लग जाना है,इस रंग बदलती दुनिया ने या रबदिलों को बहुत दुखाया है,मुझे तुझसे लौ लगाना हैबस तेरी रहमत मे आना है,यादों को छोड़ जाना हैलौट कर यहां कभी न आना है।
हम इंसान खुद को चाहे जितना मजबूत जाहिर करें,लेकिन जिन्दगी की तल्खियां कभी न कभी रुला ही देती हैं । -
हम इंसान खुद को चाहे जितना मजबूत जाहिर करें,लेकिन जिन्दगी की तल्खियां कभी न कभी रुला ही देती हैं ।
तुम ने जाना है तो शौक से जाओहम ने रोका कब है,लेकिन याद रहेलौटने वालो के पहले जैसे रुतबे नही रहते। -
तुम ने जाना है तो शौक से जाओहम ने रोका कब है,लेकिन याद रहेलौटने वालो के पहले जैसे रुतबे नही रहते।
और ये साल भी गुजर ही गया,कभी रोते रोतेकभी हंसते हंसते, -
और ये साल भी गुजर ही गया,कभी रोते रोतेकभी हंसते हंसते,
ऐ जिंदगी क्यों न तुझे वज्द मे वापस लाऊंबना कर कागज की कश्ती उसे बारिश मे चलाऊंवही मनमोजियाँ, अटखेलियां और शरारत से भरेज़िंदगी क्यों न तुझ से बचपन की यादें माँगूहर फिक्र जिम्मेदारियां और ख्वाहिशों से बरी करकेज़िंदगी फिर से मुझे बाबा के कन्धों पर बिठाओवो सब्ज ओर सुर्ख रंग की चूड़ियों की खनखनाहटज़िंदगी क्यों न तुझ से बचपन का सावन माँगूउन बागों ओर नहरों पर फिर से घूमने जाऊंज़िंदगी क्यों न तुझ से बचपन के यार पुराने माँगू -
ऐ जिंदगी क्यों न तुझे वज्द मे वापस लाऊंबना कर कागज की कश्ती उसे बारिश मे चलाऊंवही मनमोजियाँ, अटखेलियां और शरारत से भरेज़िंदगी क्यों न तुझ से बचपन की यादें माँगूहर फिक्र जिम्मेदारियां और ख्वाहिशों से बरी करकेज़िंदगी फिर से मुझे बाबा के कन्धों पर बिठाओवो सब्ज ओर सुर्ख रंग की चूड़ियों की खनखनाहटज़िंदगी क्यों न तुझ से बचपन का सावन माँगूउन बागों ओर नहरों पर फिर से घूमने जाऊंज़िंदगी क्यों न तुझ से बचपन के यार पुराने माँगू
दिसंबर लौट आया हैतन्हाई साथ लाया हैबिछड़े हुए लोगों कीयादों के संग आया हैदर्द मे लिपटी हुईउदासियों को साथ लाया है -
दिसंबर लौट आया हैतन्हाई साथ लाया हैबिछड़े हुए लोगों कीयादों के संग आया हैदर्द मे लिपटी हुईउदासियों को साथ लाया है
कोशिशकरनी चाहिएमंजिलेंमुकद्दर मेहो या न हों,,लेकिनरास्ते बहुतकुछ सिखादेते हैं ! -
कोशिशकरनी चाहिएमंजिलेंमुकद्दर मेहो या न हों,,लेकिनरास्ते बहुतकुछ सिखादेते हैं !
हम ने तो मोहब्बत मे हार कर सब्र कर लिया है साहबतुम बताओ क्या आज भी तन्हाई मे छुप छुप कर रोते हो। -
हम ने तो मोहब्बत मे हार कर सब्र कर लिया है साहबतुम बताओ क्या आज भी तन्हाई मे छुप छुप कर रोते हो।