Nisha Rai   (निशा राय)
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Joined 28 February 2017


Joined 28 February 2017
10 NOV 2022 AT 20:36

न मुझ में मैं न तुम में तुम चलो गुमनाम हो जाएँ
चलो इक दूसरे के नाम से बदनाम हो जाएँ
चलो यमुना किनारे चल के राधा श्याम हो जाएँ
चलो जंगल में विचरें और सीता राम हो जाएँ
अगर बादल हो तुम हम भी हैं रेगिस्तान की तृष्णा
उतर आओ धरा पर हम भी गंगा धाम हो जाएँ..
-निशा ✍️
#सीताराम #राधाश्याम
#बदनाम #गंगा #धाम
#kavita #shayarilover

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6 DEC 2021 AT 11:40

जागती ऊँघती रहीं आँखें
जाने क्या ढूँढती रहीं आँखें
स्वप्न में आप की झलक पा कर
रात भर झूमती रहीं आँखें।
-निशा राय





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23 MAR 2021 AT 13:24

कठिन तुम व्याकरण से हो,
सरल मैं भावना मन की।
मुझे गीतों में ढलने दो,
मुझे कविता ही रहने दो..🖋

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24 JAN 2021 AT 23:13

दृग पटों पर अश्रु की धारा नहीं है,
गौर से देखो लहू की इक नदी है।

एक अरसा हो गया सोए नहीं हम,
और गहरी नींद में पूरी सदी है ।

गर्भ, बचपन या कि यौवन हर समय में,
सूलियो पर बेटियों की ज़िंदगी है।
--------------- निशा राय

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21 JAN 2021 AT 22:11

नदी लहरा रही है या कि आँचल
धरा से पूछते बौराए बादल

अधेरा दिन में क्यूँकर छा रहा है
ये किस की आँख में बिखरा है काजल
------निशा राय 🖋




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10 JAN 2021 AT 20:55


मधुर, मुलायम, रेशम-रेशम मखमल मलमल जैसी है।

जन-जन के होठों पर रहती यह अमृत जल जैसी है।

मैं हिन्दी संग हँसती- रोती, सखी सहेली ये मेरी ,

सहज, सरल है ,स्नेहमयी है, माँ के आँचल जैसी है।।
----निशा राय


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9 JAN 2021 AT 11:59

कभी ममता,कभी करुणा, कभी श्रृंगार बन जाए।
कलम ज़िद पर कभी आ जाए तो तलवार बन जाए।
कभी गीता, कभी कुरआन औ' गुरुग्रंथ साहिब भी,
कभी फिर बाइबिल बन अम्न का उपहार बन जाए।।
----निशा राय🖋



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3 MAR 2020 AT 11:07

कौन सी धुन बजा कर गया है पवन
गा रहे हैं भ्रमर तितलियाँ हैं मगन
पत्तियाँ भी महकने लगीं बाग की
हो गया है बसंती बसंती चमन

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27 FEB 2020 AT 18:19

कुछ नयन ने कहा कुछ नयन ने सुना,
हँस दिए दो नयन दो लजाते रहे।

प्रीत का गीत देकर गये दो नयन,
दो नयन उम्र भर गुनगुनाते रहे।
....निशा



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14 SEP 2018 AT 22:31


भले ही साल भर

अंग्रेजी में पढ़ें,लिखें और बतियाएं

पर आज चौदह सितम्बर है

आओ मिल बैठ कर हिंदी दिवस मनाएं...

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