कभी खुद को अकेला महसूस किया हैतो कभी भीड़ ने साथ छोड़ा ही नहीं हैकभी खुद से बेइंतहा नफरत हैतो कभी खुद से प्यारा कोई लगता ही नहीं हैकभी जिंदगी में आगे बढ़ते रहना हैऔर कभी चल छोड़ ना यार बहुत थक गएकभी कामयाबी के शोर से जगाना है सबको और कभी कब्र में जाकर खामोश हो जाना है -
कभी खुद को अकेला महसूस किया हैतो कभी भीड़ ने साथ छोड़ा ही नहीं हैकभी खुद से बेइंतहा नफरत हैतो कभी खुद से प्यारा कोई लगता ही नहीं हैकभी जिंदगी में आगे बढ़ते रहना हैऔर कभी चल छोड़ ना यार बहुत थक गएकभी कामयाबी के शोर से जगाना है सबको और कभी कब्र में जाकर खामोश हो जाना है
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The moon shines alone in the stars.A lonely person stumbles in trouble.Do not be afraid of cuts my friend. Because even in bites, Rose smiles. -
The moon shines alone in the stars.A lonely person stumbles in trouble.Do not be afraid of cuts my friend. Because even in bites, Rose smiles.
कुछ बाते अधूरी रह जाती हैं खामोशी हर तरफ छा जाती है आँसू बहाये कितने रात अब ये काफी छोटी लगती हैकब्र पर सुनना आवाज मेरीहर खामोशी मे चींख सुनाई देती है मेरी... -
कुछ बाते अधूरी रह जाती हैं खामोशी हर तरफ छा जाती है आँसू बहाये कितने रात अब ये काफी छोटी लगती हैकब्र पर सुनना आवाज मेरीहर खामोशी मे चींख सुनाई देती है मेरी...
I have lots of words to say ....But I have lost the person to whom I want to talk -
I have lots of words to say ....But I have lost the person to whom I want to talk
दूरियाँ अब बढ़ा दी जाएँ राज ये सारे खत्म कर दिए जाएँमिले जिन गलियों मे हम उन गलियों मे अब कभी दोबारा ना जाया जाएभूला नही सकते हम मगर दुनिया के सामने अब अनजान ही रहा जाए -
दूरियाँ अब बढ़ा दी जाएँ राज ये सारे खत्म कर दिए जाएँमिले जिन गलियों मे हम उन गलियों मे अब कभी दोबारा ना जाया जाएभूला नही सकते हम मगर दुनिया के सामने अब अनजान ही रहा जाए
😅😅 -
😅😅
ना दिन की रोशनी पसंद है ,ना रात की चाँदनीमुझे कफन ला दो , ये जिंदगी अब बस मौत की दिवानी......... -
ना दिन की रोशनी पसंद है ,ना रात की चाँदनीमुझे कफन ला दो , ये जिंदगी अब बस मौत की दिवानी.........
Happy birthday ❤🍫☺❤ -
Happy birthday ❤🍫☺❤
दिन भी रात हो गई रोशनी की तलाश कर आँखे भी थक गईचाह मेरे सपनो की मंजिल कब्र का इंतजार करती रह गईमौत भी दूर चली गई शायद अभी भी खुदा ने आँखो की पट्टी नहीं उतारी -
दिन भी रात हो गई रोशनी की तलाश कर आँखे भी थक गईचाह मेरे सपनो की मंजिल कब्र का इंतजार करती रह गईमौत भी दूर चली गई शायद अभी भी खुदा ने आँखो की पट्टी नहीं उतारी
समझ मे कभी खुद की कहानी नहीं आई रात के लिए आँखें दिन भर जागीरोशनी से डर लगता है अब गैेरों की बात कब तक करे हम किसी और की जरूरत क्या पड़ेगा अब नफरत जब खुद से ही कर बैठे हैं हम -
समझ मे कभी खुद की कहानी नहीं आई रात के लिए आँखें दिन भर जागीरोशनी से डर लगता है अब गैेरों की बात कब तक करे हम किसी और की जरूरत क्या पड़ेगा अब नफरत जब खुद से ही कर बैठे हैं हम