Nepal rathore   (राह भूला रेगिस्तानी)
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Joined 27 April 2018


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Joined 27 April 2018
23 JUL 2020 AT 23:05

यहां लोगों को चिखें सुनाई नहीं देती

और तुम चाहते हो

कोई तुम्हारी खामोशी समझे

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19 MAR 2019 AT 14:05

जवाब कोई सुनता नहीं
केहते सब है क्यों लिखते हो।

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17 MAR 2019 AT 15:59

लोग क्यों जंगलों को उजाड़ते हैं
क्यों झील में पत्थर मारते हैं

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17 MAR 2019 AT 15:21

जिंदगी उस बंजर जमीं सी हो गई हैं
जहां बंजारे बसते तो है पर कूच कर जाते हैं।

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14 MAR 2019 AT 17:55

जरुरत की हर चीज बाजार में मिल जाती है
शहर में कहां किसे पड़ोसियों की याद आती है।
गांव की तरह किसी खुशखबरी उम्मीद मत रखना
यह शहर है यहां सिर्फ शोरगुल की आवाज आती है।

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14 MAR 2019 AT 17:39

गांव में बरसात शोर मचाती है,
और बच्चे उसका हौसला बढ़ाते हैं
शहर में बरसात चीखती है तन्हाई में।

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14 MAR 2019 AT 16:00

तारे टूटने के बाद कहां जाते हैं?
क्या होता है उन ख़्वाबों के साथ जो कभी पूरे नहीं होते?

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13 MAR 2019 AT 10:18

मुसाफिरों से कैसे मोहब्बत के कॉल करार
मंजिल किसी की एक नहीं
छोड़ जाएंगे किसी मोड़ पर...

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12 MAR 2019 AT 21:48

खुद की खुद्दारी पर सैकड़ों सवाल उठे
हम जब बरसात होने के बाद उठे।
मुझे खबर क्यों नहीं हुई,
मैं जिंदा तो हू
जहन में ऐसे वैसे ख्याल उठे

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6 MAR 2019 AT 18:28

रात ख्वाबों को सिरहाने रख कर,
मजबूरी की चादर ओढ़ कर सो गया
सुबह सादर समेट बस्ते में भर कर शहर को निकल गया
आज मजबूरी के हाथों हर कोई कितना मजबूर हो गया।

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