सुनते-सुनते तुम्हारा फ़साना।दिल से दिल की हुई जब बात,लिखती गयी नया अफ़साना। -
सुनते-सुनते तुम्हारा फ़साना।दिल से दिल की हुई जब बात,लिखती गयी नया अफ़साना।
-
उस तीन रंग की दीवानगी ,इस तरह उन वीरों पर छाई।ओढ़ा कफ़न की तरह ख़ुद पर,स्वतंत्रता यूँ हमको दिलाई। -
उस तीन रंग की दीवानगी ,इस तरह उन वीरों पर छाई।ओढ़ा कफ़न की तरह ख़ुद पर,स्वतंत्रता यूँ हमको दिलाई।
इश्क़ है हमें हमारे वतन से,शान इसकी कम न होने देंगे।आज़ादी के हम मतवाले,आन स्वतंत्रता की न जाने देंगे। -
इश्क़ है हमें हमारे वतन से,शान इसकी कम न होने देंगे।आज़ादी के हम मतवाले,आन स्वतंत्रता की न जाने देंगे।
ख़याल तुम्हारा है इसकदर,ख्वाबों में तुम ही बसते हो।दिल पर हज़ार पहरे हैं फिर भी,हमको हमीं से तुम चुराते हो। -
ख़याल तुम्हारा है इसकदर,ख्वाबों में तुम ही बसते हो।दिल पर हज़ार पहरे हैं फिर भी,हमको हमीं से तुम चुराते हो।
वो दीवानापन कुछ अधूरा सा है,जिसमें बेपनाह इश्क़ कामिल न हो।वो बंजारापन फक़त फितूर सा है,जिसमें मलंग होकर शामिल न हो। -
वो दीवानापन कुछ अधूरा सा है,जिसमें बेपनाह इश्क़ कामिल न हो।वो बंजारापन फक़त फितूर सा है,जिसमें मलंग होकर शामिल न हो।
ज़िन्दगी तूने मुझे अक्सर हर रंग में रंगना सिखाया,ख़ामोशी में अल्फ़ाज़ों के बिना गुनगुनाना सिखाया। -
ज़िन्दगी तूने मुझे अक्सर हर रंग में रंगना सिखाया,ख़ामोशी में अल्फ़ाज़ों के बिना गुनगुनाना सिखाया।
जब अपनी परछाई देखी धुंधली छवि उसकी मुस्काती देखी,कुछ ही पल का अस्तित्व है मेरा ऐसी उसकी अनुभूति देखी। -
जब अपनी परछाई देखी धुंधली छवि उसकी मुस्काती देखी,कुछ ही पल का अस्तित्व है मेरा ऐसी उसकी अनुभूति देखी।
इश्क़ की किताब में कुछ अनकहे किस्से लिखने हैं,थोड़े से बेमानी और थोड़े से कुछ अपने लिखने हैं। -
इश्क़ की किताब में कुछ अनकहे किस्से लिखने हैं,थोड़े से बेमानी और थोड़े से कुछ अपने लिखने हैं।
ज़िन्दगी ने लिख दिया था हर दिन का फ़लसफ़ा,फ़िर क्यूँ इससे शिकायतें और क्या इससे शिकवा। -
ज़िन्दगी ने लिख दिया था हर दिन का फ़लसफ़ा,फ़िर क्यूँ इससे शिकायतें और क्या इससे शिकवा।
प्यार को शब्दों में पिरोकर अपनी ख़ामोशी को तोड़ा हमने,कुछ पल के लिए ही सही चंद खुशियों को समेटा हमने। -
प्यार को शब्दों में पिरोकर अपनी ख़ामोशी को तोड़ा हमने,कुछ पल के लिए ही सही चंद खुशियों को समेटा हमने।