मैं लिख तो देता तारीफ उनकी पर वो मुझे पहचानते नहीं ....हाँ रोज़ की गुज़र बसर हैं उनके साथ बस बातें नहीं....... - मन की राह@ Neeraj Siingh
मैं लिख तो देता तारीफ उनकी पर वो मुझे पहचानते नहीं ....हाँ रोज़ की गुज़र बसर हैं उनके साथ बस बातें नहीं.......
- मन की राह@ Neeraj Siingh