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Ab shamo me snnata hai,Ab har shor me snnata hai. -
Ab shamo me snnata hai,Ab har shor me snnata hai.
Yuh kalla na chhodo safar e ishq meJb khaab sath dekhe ho. -
Yuh kalla na chhodo safar e ishq meJb khaab sath dekhe ho.
Adayen psnd krna chhor do janaab,Smbhalna bhi mushkil hota hai. -
Adayen psnd krna chhor do janaab,Smbhalna bhi mushkil hota hai.
झूठी है ज़िन्दगी,ज़मीं पर कुछ आसमां पर कुछसोचती हूँ एक लकीर बन जाऊं।न सच रहूं न झुठ रहूं,न नफरत झूठ से न सच सेदिन की रौशनी रात का ग़ुरूर बन जाऊं।।न दिन हूँ न रात हूँ,न प्यार दिन से न रात सेांसो से जुडी डोर बन जाऊं।।। -
झूठी है ज़िन्दगी,ज़मीं पर कुछ आसमां पर कुछसोचती हूँ एक लकीर बन जाऊं।न सच रहूं न झुठ रहूं,न नफरत झूठ से न सच सेदिन की रौशनी रात का ग़ुरूर बन जाऊं।।न दिन हूँ न रात हूँ,न प्यार दिन से न रात सेांसो से जुडी डोर बन जाऊं।।।
The reality of life is behind to your smileThe only thing which makes you stronger is smile.🤗 -
The reality of life is behind to your smileThe only thing which makes you stronger is smile.🤗
यु जो बार बार चले जाते होजाते वक्त कुछ ऐसा कह जाया करोकी चाँद चाँद ही है बस रोज़ देखा करो। -
यु जो बार बार चले जाते होजाते वक्त कुछ ऐसा कह जाया करोकी चाँद चाँद ही है बस रोज़ देखा करो।
कुछ ख्वाहिशें अधूरी ही होती हैदिल मानता नहीं है पर जानना पड़ता हैज़िन्दगी पूरी मिल के भी अधूरी ही होती हैमर कर ही पता चलता ज़िंदा रह कर जानना पड़ता है। -
कुछ ख्वाहिशें अधूरी ही होती हैदिल मानता नहीं है पर जानना पड़ता हैज़िन्दगी पूरी मिल के भी अधूरी ही होती हैमर कर ही पता चलता ज़िंदा रह कर जानना पड़ता है।
Tears of love, It's taste of love. -
Tears of love, It's taste of love.
आँखों ने तो कभी पढ़ा ही नहींबाते क्या पढ़ लेती हमेतुमने तो कभी महसूस किया ही नहींदिल के करीब क्या रख लेते हमे।ार्ज़ ए इश्क़ में हम यूं फ़ना हुएनाम तुम्हारा लबो से उतरा ही नहीं।।मुयस्सर इन आँखों को तुम मिले ही नहींमुमकिन कहाँ पास से भी दीदार हमेदूरियां तो नज़दीकियों से कम होती ही नहीशिकन ए काश माक्ष में ढूंढ लेते हमे।अर्श ए दिल में हम खुद को मिटा बैठेतुम्हारे ज़िक्र में हम खुद के हुए ही नहीं।। -
आँखों ने तो कभी पढ़ा ही नहींबाते क्या पढ़ लेती हमेतुमने तो कभी महसूस किया ही नहींदिल के करीब क्या रख लेते हमे।ार्ज़ ए इश्क़ में हम यूं फ़ना हुएनाम तुम्हारा लबो से उतरा ही नहीं।।मुयस्सर इन आँखों को तुम मिले ही नहींमुमकिन कहाँ पास से भी दीदार हमेदूरियां तो नज़दीकियों से कम होती ही नहीशिकन ए काश माक्ष में ढूंढ लेते हमे।अर्श ए दिल में हम खुद को मिटा बैठेतुम्हारे ज़िक्र में हम खुद के हुए ही नहीं।।