सुनो ना, एक आग सा मेरे भीतर जल रहा है,
तेरी जुदाई में ये दिल तड़प रहा है!!
एक याद है कि जाती नहीं,
एक मौत है कि आती नहीं,
एक दिन में ही जैसे सदियाँ गुजर रहा है,
तेरी जुदाई में ये दिल तड़प रहा है!!
ये मोहब्बत का ही जादू है जैसे,
तेरी गैर-मौजूदगी में ये दिल बेकाबू है ऐसे,
बस जिस्म ही तो हमारा जुदा हो रहा है,
दो रूहों पर तो भारी सितम हो रहा है!
तेरी जुदाई में ये दिल तड़प रहा है!!
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