ऐ वर्दी वाले तुम
अपना कर्तव्य निभाते हो
मिट्टी के रंग से तुम
अपनी वर्दी सजाते हो
चाहे कोरोना का रूप देश
में संकट लेकर आया हो
चाहे कोई विद्रोह करके देश
में हल्ला मचाता हो
चाहे कोई तुम पर बुराइयों
की उंगली उठाता हो
चाहे कोई तुम्हे नेता
का चेला कह जाता हो
चाहे कोई तुम्हारी तकलीफो
को समझ नही पता हो
चाहे कोई व्यकित तुम्हारे
अपनो से अलग होने का
दर्द ना जनता हो ।
चाहे कोई तुम्हारी वर्दी
पर सवाल उठता हो
पर हे वर्दी वाले मैं
इतना कहूंगी तुमसे
की तुम अपना कर्तव्य
निभाते रहो , और
मिट्टी के रंग से तुम
अपनी वर्दी सजाते रहो
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