निगाह भर याद किया तुमकोमन को भी परोसाभीड़ क्या देखी दरवज्जे परमियां काफूर हो गये -
निगाह भर याद किया तुमकोमन को भी परोसाभीड़ क्या देखी दरवज्जे परमियां काफूर हो गये
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कुछ देर की रंगत हैकुछ देर की है बातघर में सुकुन तो है मगरना तुम खास हो ,ना में एहसास -
कुछ देर की रंगत हैकुछ देर की है बातघर में सुकुन तो है मगरना तुम खास हो ,ना में एहसास
कतरा कतरा है इश्क की दास्तां अजी ! चाकू खंजर चलते रहेमगर क्या कहें इश्क की मय कोलोग पीते रहे और बहकते रहे -
कतरा कतरा है इश्क की दास्तां अजी ! चाकू खंजर चलते रहेमगर क्या कहें इश्क की मय कोलोग पीते रहे और बहकते रहे
किस्से से शुरू कहानी में अंतिम बात -
किस्से से शुरू कहानी में अंतिम बात
मेरी पहचान है -
मेरी पहचान है
दिल के करीब हो तुमअधूरी दास्तां -
दिल के करीब हो तुमअधूरी दास्तां
रोज रोज बेतकल्लुफ़ मुलाकातेंफूल, नदियां,अब कबूतरों से बातें -
रोज रोज बेतकल्लुफ़ मुलाकातेंफूल, नदियां,अब कबूतरों से बातें
लबरेज थी कलमकुछ शब्द छिटक गयेहमें क्या खबर थीतुमको लिख देंगे हम -
लबरेज थी कलमकुछ शब्द छिटक गयेहमें क्या खबर थीतुमको लिख देंगे हम
अधूरी हसरतें अनकही बातें -
अधूरी हसरतें अनकही बातें
खुद से ज्यादा,खुद को, क्या कोई पहचानता है?कत्ल होने वाले से ज्यादा,कत्ल करने वाला, ज्यादा जानता है -
खुद से ज्यादा,खुद को, क्या कोई पहचानता है?कत्ल होने वाले से ज्यादा,कत्ल करने वाला, ज्यादा जानता है