ममता राकेश💕💕   (Mamta rakesh💕💕)
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चलो शब्दों से संसार बदले,😍😍😍
Joined 3 February 2020


चलो शब्दों से संसार बदले,😍😍😍
Joined 3 February 2020

दफ़अतन मेरे यकीं की इमारत डह गई
एक मुद्दत लगी थी जिसे बनाने में
अब मेरा चराग रोशन था रकीबो के घर
मसला है की मैं अंधेरे में थी उजाले के जमाने में

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अलग ही नजर आए तुम,
बदलते वक्त ने यकीनन
बहुत कुछ बदल दिया
दिखता है ये बदलाव


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डर
मन का तूफान
अक्सर डुबो देता है
आशाओं की कश्ती
उजाड़ देता है
ख्वाबों का कारवां
और खत्म कर देता है
जीने की उम्मीद
तब समेट कर खुद को
लड़ना तुम
मन के अंधकार से
और जलाना
आत्मविश्वास की लो
और जीत जाना
मन में संचित भय से
फिर तुझे कभी नहीं
डरा पाएगा ...
कोई भी डर

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छोटा शब्द
गहरे अर्थ
बिना विश्वास
रिश्ते व्यर्थ

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आसान नहीं
पर अगर मानना चाहे तो
इतनी मुस्किल भी नहीं
क्योंकि रास्ते
जितने मुश्किल होंगे
मंजिल उतनी ही खूबसूरत
होगी

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मगर खुद को मत भूलना
क्योंकि जिंदगी तुमको
तुमसे छीन लेगी
और बना देगी एक
बेजान मशीन जो
संवेदनाओं से शून्य हो
स्वार्थ की दौड़ में
निभाता है परंपरा
मिलता है सभी से
पर इस आपा घापी में
वो अक्सर भूल जाता है
खुद को और नही निभा पाता
स्वयं से किया वादा
नहीं सुन पाता अपने अन्तस
आवाज ....
कर देता है अनदेखा
अपनी मन की पीड़ा
छोड़ देता है खुद को
वक्त के हवाले
होने देता है हर अत्याचार
खुद पर ...अक्सर वो जीते जी
मार देता है स्वयं को
तुम मत करना ये वक्त रहते
सुनना स्वयं को सबसे पहले

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किरदार जो किताबो में
जीवंत होते है
वही किरदार जिंदगी में
मुर्दा और बेजान होते है
क्योंकि लिखना
जितना आसान है
जीना उतना ही दुष्कर
कहना जितना सहज है
करना उतना ही कठिन
यही कारण है की इंसान
सदैव लड़ता रहता है
सिद्धांत और व्यवहार के मध्य
और बन जाता है त्रिशंकु
जिंदगी के कर्म क्षेत्र में
और दौड़ता रहता है
किताबी तिलिस्म की चाह में
मृत्यु पर्यन्त फिर भी
अधूरी रह जाती है
जीवन की वो कल्पना
जो बचपन में पढ़ी थी

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गिले, शिकवे, शिकायत,दर्द,तड़फ,इल्जाम ,बहस, मिन्नत,मनुहार
तेरे होने पर इनका वजूद था,अब तू नहीं तो ये कुछ भी नहीं,,

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तुम अश्कों में बयां होते हो
अक्सर तुम मेरी आंखों में
बेहिसाब बेपनाह होते हो
चाहती हूं छिपा लेना
तुम्हे इस दुनिया से
पर तुम कमबख्त
मेरे होकर भी
मेरे कहां होते हो

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दूसरो से उम्मीद करोगे तो
टूटकर बिखर जाओगे
स्वयं से उम्मीद करोगे तो
एक दिन संवर जाओगे
इसलिए उम्मीद सिर्फ
अपने आप से ....

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