🥀🥀🥀🥀हम लड़के है साहब,🥀🥀🥀🥀
माँ के सपने बुनते है, बाप के हाथ की लाठी बनते है।
किस्मत की ठोकरों से हम अपनी किस्मत बदलते है।
जो लकीर हमारे हाथ मे होगी भी नहीं।
उस लकीर के लिए हम अपनी जिंदगी बदलते है।
हम भी लड़के है साहब कहाँ आसानी से मिलते है...
बन बहन का रक्षा कवच,जब घर से निकलते है।
देखकर दुश्मन भी फिर हमसे डरते है।
बनकर दोस्त का साया ,दुनियां में मिलते है।
लड़की होती है किस्मत से,तो नसीब से हम भी मिलते है।
हम लड़के है साहब कहाँ आसानी से मिलते है..
किसीको आसानी से ,किसी को दुआओं से मिलते है।
किसी की नफरतों को ,भी हम प्यार करते है।
गर्व से सीना तान कर हम भी चलते है।
कुछ लोगों के कारण लगा है दाग लड़को पर, वरना
हम लड़के है साहब कहाँ आसानी से मिलते है..
♥️राइटर एंड टीचर♥️
...✍️अफजल मंसूरी
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