*मेरी अंतिम बिदाई)-*
*रो* रहे थे वो सब, जिन्होंने मुझे *रुलाया* था!
पहना दिये मुझे *नए कपड़े* , जैसे मेरा *जन्मदिन* मनाया जा रहा था!
मुझे हर *नई चीजे* मिली जैसे कोई *खुशी* दिखाया जा रहा था!
मेरी *निंद्रा अवस्था* से मुझे बार-बार *जगाया* जा रहा था!
*सब* पास खड़े थे मेरे, जिन्होंने कभी *'वक्त नही हैं'* यह बात *समझाया* था, हर बार *बुरे वक्त* पर बहाना कर पिछा *छुटवाया* था!
किसी ने देखा नही मुझे *स्वर्ग* मिला या *नर्क* फिर भी मुझे *स्वर्गवासी* बुलाया जा रहा था!
वापस *पिछे* ना आंऊ इसलिए एक-एक *क्रिया क्रम* निपटाया जा रहा था!
जल कर *राख* हो चुकी थी, फिर भी मुझे *गंगा* में बहाया जा रहा था!
बाद मे पता चला *कितनो* के *कितने* काम जुड़े थे मुझसे, इसलिए *आंसू* बहाया जा रहा था!-kriti_jha"SAFAR"
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