Meenu Rai  
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Joined 20 May 2019


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1 JAN 2023 AT 14:26

शौक नई,उमंग नई, ज़िन्दगी जीने का ढ़ग नई,
वर्ष तो बदलता रहेगा,हौसला की किरणें हो कई..!

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1 JAN 2023 AT 14:14

Happy new year everyone ✨️ ❤

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17 OCT 2020 AT 19:41

ढलती है दौर पर,यहाँ नज़राना कहाँ बदलता है
वादा-ए-इख़्तियार पर,ख्यालात रोज सवंरता है

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13 OCT 2020 AT 14:21

पन्नों पर अक्षर उकेरे, जब से मैनें लेखनी की शुरुआत की
कुछ ख़्वाहिशें जहन में दबी रह गई, जिसकी मैने आस की

खैरियत से रखी दिल को सभांलकर, काफी है इतना भरोसा,
वजूदों से नही मिटता कुछ फ़रमान, जो मैने उसको पास की

शिकायतें करते है ख्व़ावों से, मुकम्मल से नही की कोई फ़रमाइश,
ग़र मोहब्बत काँच सा है तो क्यों मैने इबादत उसकी खास की

हुस्न पे धार , आँखों पर अश्क़ों की क्या कमी की गुंजाइश,
टूट के तो बिखरे मोती से बने, सौंदर्य की मैनें उससे आस की

निगाहों की मुसकुराहट, होठों की हँसी की मैनै कोई की आज़माइश,
साँसों की नरमी, दरम्यान सी कई दूरिया देखी फिर एहसास की

बेहद बेदर्दी सी दुनिया , साज़िशों की यहाँ मीनार है "मीनू"
हकिक़त तो दूर की बात है,सवंरती ख्व़ाव की जो उससे आस की

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17 SEP 2020 AT 22:01

नादान थे,नादानियों से भरी सारी बाते थी
सुकुन की नींद,हसीन सपनों की रातें थी

मौज-मस्ती तों रग-रग मे,हँसी भी बेबाक,
मेला के नाम पर ही दिल उत्साहित होती थी

ना मन में छल कपट थी,निस्वार्थ के भाव थी
हँसी की खूबसूरती दिल-ए-उंमग मे दिखती थी

फ़रमाइश तो, चाँद तारों से मिलने की थी
जिद्द भी हमारे आगे जैसे घुटना टेकती थी

आइना में वही चाँद देख,मन हँसोत्सित थी
वो शान-ए-शौकत कमाल का हुआ करती थी

वों बचपन भी बड़ी अद्भुत हुआ करती थी
खेल खिलौनें के बहाने वक्त चुरा लेती थी

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17 SEP 2020 AT 11:58

काँच का दिल था,वो देख तुझे सँवरने लगा था
टूटने का खौफ़ जो पनपा, वो बिखरने लगा था

पुष्प रुपी पुलकित देख,शूल की परवाह ना रही
❤ए-मयखाने मे,वो शोभा सी बहकने लगा था

तद़बीर ना की, नाराज़गी को काग़जी बनाने की,
साँसों की महकशी में, वो तो महकने लगा था

ख्यालतों में ना दरम्यान व दूरियाँ रही बेहिसाब,
अन्तर्मंन के लगाव से,वो जैसे चहकने लगा था

दिखावे के विरोध,पर फिर भी खामोश थी पंछी,
चंचलता की आज़ादी से,वो तो चहकने लगा था

जग की सुंदरता देख आकर्षित हुई "मीनू"
रत्न सी सुशोभित रुप सा,वो निखरने लगा था

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7 SEP 2020 AT 15:51

भले इस
मुखातिब से
ख्याल-ए-मुस्तैद
बयां ना हो...
कभी ख़ुलूस के
अंदाज से
माँ के प्यार
पर गौर करना....
प्यार अंधा है शायद
उनसें बेहतर कही
जयां भी ना हो.!

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27 AUG 2020 AT 12:29

सुना है!
सब बढ़िया है
नुक्स नही किसी में..
पर सबसे ज़ज़्बात
थोड़े जुड़ते है
आसमां में उड़ते है
उम्मीद लिए परिंदे
पर एहसास थोड़े
ही उड़ते है

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20 AUG 2020 AT 11:47

करोंडों की भीड़ मे
इक अलग पहचान हो
मंजिलों को जल्द ही
इक अलग मुकाम हो

अरमान सारे पूरे हो,
तमन्ना जिसकी भी हो
आपके ख्व़ाहिशें की
इक अलग दुकान हो

किस्मत की लकीरों को
भी बदलते देख सकते हो
बस उसी राहों पर
आपका उँचा नाम हो।


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18 AUG 2020 AT 15:40

इनकी शख़्शियत पर जरा गौर करना
लेखनी पढ़कर वाह वाह का शोर करना

भले उदासी के किस्सें संजोंते है ये पर
आप सब महसूसता का शोर मत करना

अक्सर भीड़ में रहकर भी कुछ बुरे ख्याल
आयें, पर उन पर आप ज़ोर मत करना

मेहरबां कलम के स्याही को बस साथ रखना
अपनी लेखन के अंदाज को बरकरार रखना

गम, उदासी से बेशक रिश्ता पुराना होगा
चेहरे पर खुशी के फूल को हमेशा तैयार रखना

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