ए कलम गजब तेरी माया , जज के हाथ लगी तो,,, जिंदगी और मौत का फैसला आया बच्चे के हाथ लगी तो उनका भविष्य बताया ,,,,,, डॉक्टर के हाथ लगी तो,,,,, किसी को हंसाया तो किसी को रुलाया, और एक लेखक के हाथ लगी तो,, पूरी दुनिया को उसने आईना दिखाया
वो कभी ना समझ सका मेरे जज़्बात को हर समय मजाक समझता रहा मेरे प्यार को हमने तो लूटा दी सारी खुशियां उनके इन्तजार में और वो कमबख्त एक पल ना रुक सका मेरे साथ को
अपनी मोहब्बत की छाप मेरे दिल से मिटा देते तुम्हे जीना आता था मेरे बिना मुझे भी सीखा देते और लड़ना तो हमे तेरी किसी भी बात पे ना था छोड़ना था तो छोड़ देते मगर कम से कम वजह तो बता देते