...Manoj Nigam   (मनोज_निगम)
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Joined 2 December 2020


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7 MAY 2023 AT 21:11

ज़मी से फलक तक रहा आज़माइशों में,में...
खो कर भी दास्ताँ मैंने मेरे इंसान को बचा लिया...!!

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6 MAY 2023 AT 22:07

इस वीरान में छुपे शोर को सुन तो ज़रा
में सदियों से बेजान हूँ मुझे छू तो ज़रा
गुज़र रहा ये वक़्त हैरान नहीं में
बस सांसे चलती रहे इतना तो कुछ कर ज़रा
हवा का भी रुख साथ नहीं मेरे
मुझ पर से यह धूल तो हटा दे ज़रा
तेरे वादों पर आज भी ठहरा हूँ में
अपनी आहट से पत्थर को ज़िंदगी तो दे ज़रा...!!

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1 MAY 2023 AT 22:32

ये शोहरत ये लालच ये हवस के काश...किस्से ना होते
सच्ची मोहब्बत के किस्से...सच में आबाद होते...!!

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26 APR 2023 AT 13:34

गफलत में ना रहना
गुस्ताखियाँ दिखती नहीं...
वो दिलदार है,
खूबियों को तवज़्ज़ो देता होगा...!!

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25 APR 2023 AT 21:11

Wafa ke liye tarse wo...
Wafa mili to dolat ke liye tarse wo...
Or ab...
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.
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fir fir fir wafa ke liye tarse wo.......!!!😄

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23 APR 2023 AT 12:52

में खता की तलाश में सजा से मुकर्रर हूँ
में काँटों से बेफिक्र दिलेर मुसलसल हूँ
तुम जी रहे हो शायद सुकून की आस में
में फकत इंसाफ आरज़ू में दहकते शरारे पर हूँ...!!

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18 APR 2023 AT 14:20

संजीदा हुए कुछ तो कुछ मुहिर भी हुए
ना जाने उसकी हसरत में कितने सीरत हुए
एक वो ही रहा ना समझ संगदिल
हम तो अबतक, उनसे पहले कभी खुदके ना हुए....!!

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17 APR 2023 AT 16:40

संभालता हूँ संयम रखता हूँ खुदको एक मुकाम तक रखता हूँ,
एक हद तक आज़माइशों के बाद वो भी नहीं रहता जो में रहता हूँ...!!

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15 APR 2023 AT 20:52

इल्म पर बात करते हो तुम
कभी रूह की आवाज़ भी सुनी है क्या...
इबादत पर बात करते हो तुम
कभी फ़क़ीर की भी सुनी है क्या...
ज़र्रा ज़र्रा तबाह हुआ हश्र उस शख्स का
कभी नदामत की राह भी तुमने चुनी है क्या...
वाकिफ हुए है काफिर भी खुदा की नेमत से
ईमान के लिए कभी खुदगर्ज़ इल्तेज़ा छोड़ी है क्या...!!

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12 APR 2023 AT 13:34


हम काँटों पर चलकर अदब ए ज़िंदगी ना भूले
उन्हें फूलो में रहकर भी सलीखा ज़िंदगी नहीं आया...
हम निभाते निभाते खुद बिक गए,
उन्हें हमारी कीमत का अंदाजा लगाना नहीं आया...
कर गए हम रुसवा ज़माने में खुदको,
उन्हें गर्दिशो में हमारा हाथ थामना नहीं आया
गुज़र गया वो वक़्त गुज़र गए वो लम्हे
उन्हें भूला ना सके हम, उन्हें याद रखना नहीं आया...~

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