ये सारा जहाँ इश्क़ से वाबस्ता रखता है,
सारे लोग इश्क़ के राह के मुसाफिर है,
उस से हम तालुक रखना चाहते है और वो रकिब के साथ
एक इश्क़ का संसार उसके साथ हम आबाद करना चाहते है, और एक वो उसके साथ,
नाकाम इश्क़ का सफर हमें भी गवांरा नहीं,
चाहा जहाँन मे हमने एक शख्स,
बदकिस्मती से वो भी हमारा नहीं,
बस अब तो अधूरी मोहब्बत का मुकम्मल इन्तजार कर रहे है
एक ही खंजर से छल्ली अपना दिल बार बार कर रहे है
बैठ कर मैखाने मे अपनी दुनिया बर्बाद कर रहे है
ना कर के बदनाम उस शख्स को आबाद कर रहे है
ना जाने कैसे शख्स से हम प्यार कर रहे है!!!!
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