Manish Verma   (Meri_qalam (Manish))
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Joined 18 April 2018


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Joined 18 April 2018
4 MAR 2023 AT 21:46

हर हाल में पूछ लिया करो हाल उसका...

वो पहली बार में मुस्कुरा कर ही जवाब देता है...!!

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19 SEP 2022 AT 12:28

जिसके पास है ,उसे खोने का गम...
जिसके पास नहीं , उसे पाने की चाह...
खुश रहना किसे आता है यहां...
हर शख़्स यहां अपनी कहानी में उदास है ..

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20 JUN 2022 AT 19:36

यूं जो तुम उदास बैठे हो..
कोई बात है जो तुम्हे खाए जा रही...
या यूं ही बदहवास बैठे हो...
लड़ना - झगड़ना, खाना - पीना
हंसना - बोलना , मौज में जीना
सब आता था तुम्हें...
तुमसे सीखा है औरों ने जिंदगी
को जीना...
कई बार तुमने गमों से है खुशियों
को छीना...
अब तुम ही यूं जो लबों
को लगाम दिए बैठे हो..
जान बाकी है या लाश बन बैठे हो..
यूं जो तुम उदास बैठे हो..
कोई बात है जो तुम्हे खाए जा रही...
या यूं ही बदहवास बैठे हो...

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22 MAY 2022 AT 2:43

तुम जानती हो वो कितनी खूबसूरत है..!!!
हर बात में मेरा ज़िक्र कुछ ऐसे करती है कि मुझे पता न चले की वो मुझे कितना चाहती है।
नहीं बांटना चाहती है वो मुझे किसी और के साथ नाराज़ तो बहुत होती है इतना की जान ले ले लेकिन फिर जान किसे कहेगी यही सोच कर रह जाती है।
कुछ दिन बात नही करती नाराजगी में और फिर आती है तो मेरी गलतियां मुझे गिनाती है जैसे उसकी कोई गलती नही थी और मैं भी चुप चाप उसकी हां में हां मिलाता हूं। थोड़ा सा प्यार और दुलार उसको बच्चा बना देता है, मुझे जान बूझकर चिढ़ाती है क्योंकि एक मैं ही हूं जो उस पर इतना हक़ जताता हूं हर बार मेरी हर मांग को ठुकराती है मुझे पता है की वो मेरी मांग पूरी करेगी लेकिन मेरा उससे इल्तेज़ा करना उसे प्यार का एहसास कराता है और हर बार मैं यही करता हूं।
बहुत खूबसूरत है न वो इसीलिए इतना इतराती है, मेरा उसके लिए फिक्र करना उसकी हर बात का ख्याल रखना उसे अच्छा लगता है उसको मैं उससे ज्यादा जानता हूं ये बात वो भी जानती है। जब हम दोनो का झगड़ा होता है तो हर घड़ी मोबाइल में देखती है कहीं कोई मैसेज तो नहीं आया ये बात उसके बताए बिना मुझे पता है वो कहती कभी नहीं है ।
लेकिन शायद ही उसे मुझसे ज्यादा कोई जान पाएगा ...
और बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत भी नहीं है कि वो कौन है इस ख़त का पहला लफ़्ज़ तुम्हे उसके बारे में बताएगा...❣️

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4 APR 2022 AT 13:56

एक कहानी लिख रहा हूँ,
किरदार तुम बनोगी क्या?
तसव्वुर में कोई और न बस जाए
हक़दार तुम बनोगी क्या?
आफताब, मेहताब, शबनम और ख्याल
सब बहकाने का तरीका है।
वाकिफ़ होना चाहता हूं तुमसे
मददगार तुम बनोगी क्या ?

एक कहानी लिख रहा हूं
किरदार तुम बनोगी क्या ?

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15 JAN 2022 AT 20:12

कभी मिलेंगे तुमसे तो बताएंगे,
मेरे बगीचें के फूल अब भी शिकायत करते है तुम्हारी...
जो वक्त मैं उनकी आगोश में बिताया करता था,
तुम्हारे जुल्फों की खुशबू उस पर भी भारी है

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28 NOV 2021 AT 14:08

अल्फाज़ समझते हो, तो क्या समझते हो ?
सब समझते हो..!!
गर समझ जाओगे खामोशियों को
तो ख़ामोश हो जाओगे..

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25 OCT 2021 AT 17:39

रिश्ता तोड़ने के लिए...
इश्क़ .. वजहें नही ढूंढता..

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25 OCT 2021 AT 17:18

मजबूर हूं ,मगरूर नही
इंकार करना ही पड़ता है..
जिससे वादा किया था सात जनम का,
उसके साथ अभी तीन जनम और बाकी है

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13 OCT 2021 AT 19:30

तुमको पता है कि तुम कितनी ख़ास हो, किसी शायर के लफ़्ज़ हो तुम...
मेरा इतना कहना उसके लिए जैसे मरहम का काम करता था फिर वो गुस्सा भूल कर मेरी ओर चेहरा कर के बैठ जाती थी।
कहती कुछ नही थी लेकिन सुनना उसे अच्छा लग रहा था। अपने लटों को संवारते हुवे वो कान के पीछे ले जाती थी ,हाथ अपनी ठुड्डियो के नीचे लगाकर ध्यान से सुनती थी ।
जब भी मैं अपने शब्दों की मोतियों को उसकी तारीफ के धागे में पिरोता था । उसके चेहरे पे अजीब से खुशी दिखती थी।

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