न प्रेम चंचल राह न प्रीत अंधेरों में बस साथ तेरा तेरा उजाला मेरे मित जगमगाया है
इतना ही चाहा है सुनों कभी बस इतना ही बात मन की चाहा है बातों से जो मैंने तुम्हें साथ तेरा पाया है बताया है ठहरी तन्हाई में बस इतना ही अब तेरा साया है तुझसे मैंने बीत गया बस इतना ही तो अब वो साल पुराना चाहा है जो सिसकियों में साथ सदा गुजारा है सदा निभानें का सुनों हर डगर पुनः ये मेरा वादा है हर शहर हाँ, सपनों संग ये मेरा वादा है संग तेरे एक-एक कदम बढ़ाया है