झूठी प्रेमिका
मैं आशिक हू, मुझे आशिकी छोड़ लेने दे,
मैं हवा हूं, मौसम की दिशा मोड लेने दे।
तुमने जो दामन पर झूटे प्यार के छीटे लगाए हैं,
मैं धोबी हूं, जरा धोकर निचोर लेने दे।।
सोचा था कि तुम दुल्हन घर बनकर आओगी,
मैं ठेखेदार हूं, उन रास्तों को फोड़ लेने दे।।
तेरे आने की खुशी में सब रिश्तेदारों को बुलाया था,
मैं शर्मिन्दा हूं, उन्हें भी मोड लेने दे।।
कुछ तो रहम किया होता मूह पर कालीन पोतने से पहले,
मैं इज्ज़तदार हूं, मूह पर दुपट्टा ओड लेने दे।।
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