कटियार  
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स्वागत है आपका हमारी दुनिया में ♥️♥️
Joined 15 October 2020


स्वागत है आपका हमारी दुनिया में ♥️♥️
Joined 15 October 2020
26 NOV 2021 AT 17:23

पुराने अखबारों कि खबरों को आज मत पढ़िएगा
हर सुबह के साथ अख़बार बदल जाते है,
लोगों के किरदारों पर एतबार मत करिएगा
ये दुनिया मतलबी है साहब यहाँ रातों- रात किरदार बदल जाते है।

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21 AUG 2021 AT 16:39

दिल के गुबार को अब दिल मे ही रह जाने दो
आँखों के समंदर को अब पलकों मे दब जाने दो
चिल्ला-चिल्ला कर दिए थे हमने अपनी बेगुनाही के सबूत जो तुम सुन ना सके
तो अब इस भीड़ मे हमें तनहा ही रह जाने दो।

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20 JUN 2021 AT 11:54

आज करेंगे बात उनकी जिनका हम पर सबसे पहला अधिकार है
जो हमारी संरचना का मुलभुत आधार है
जिनकी वजह से रोशन हमारा ये छोटा सा सन्सार है
हमारे दुखो और खुशियों के बीच कि जो दिवार हैं
जिनके ना जाने हम पर कितने परोपकार है
जिनके लिये उनकी सारी सम्पती हम है, बाकी सब बेकार है
जिनके चरणों के नीचे स्वर्ग का दरबार है
उनका सारा जीवन हमारे जीवन का एक सार है
जिन्होने छोड दिया उन्हे उन पर धिक्कार है
वो माता पिता है,जो हमारे मौला हमारे परवरदिगार है।

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18 MAR 2021 AT 18:43

वक़्त आगे बढता रहा
दर्द और गहराता रहा
जख्म अब नासुर बन चुका है
चुप्पी अब सन्नाटे मे तब्दील हो चुकी है
किसी से बात करने का दिल ही नही करता
या अब कोई अपना ही नही मिलता ।

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15 FEB 2021 AT 12:48

कुछ दर्द ऐसे होते हैं जिन्हें हम सह नही सकते
पर क्या करें हम किसी से कह भी तो नही सकते।

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5 FEB 2021 AT 12:44

अधुरे होते हैं वो लोग जो पूरा होने की बातें करते हैं
खुद टूटकर भी दूसरों को जोडने की बातें करते हैं।

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26 JAN 2021 AT 22:27

क्यों ज़मीन के छोटे छोटे टुकडों पर हम अपना दावा करते है,
चलो आज राम मंदिर और बाबरी मस्ज़िद जैसे हज़ारों मसलों को भुलाकर हम एक साथ रहने का वादा करते है,
क्योंकी भारत माता को ना ज्यादा प्यारा हिन्दू है ना ज्यादा प्यारा मुसलमान है,
मां की नज़रों में तो उसका हर बच्चा एक समान है।
🇮🇳🇮🇳 जय हिन्द जय भारत🇮🇳🇮🇳
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7 JAN 2021 AT 16:06

एक तुझ से ही मेरी ज़िन्दगी पूरी है
ए चाय जिस सुबह तु न मिले
मेरी वो हर सुबह अधूरी है।

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1 JAN 2021 AT 11:03

उसे मात्र पा लेना ये तो प्यास है
प्रेम तो वो है कि जब वो आपके पास ना हो
फिर भी अपको उसके आसपास होने का अह्सास है।

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31 DEC 2020 AT 18:28

बहुत कुछ है यहाँ लोगो कि भीड और मैं
ये गूंजता शोर और मैं
शोर के भीतर का सन्नाटा और मैं
मेरी तन्हाई और मैं
मैं और सिर्फ मैं।

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