इंतज़ार वो आँधी है जिसके प्रचंड वेग में उड़ जाता है धैर्य और चला जाता है मन से कहीं दूर तिनके की तरह बिखड़कर धैर्यहीन मन हो जाता है व्यग्र इंतज़ार के प्रतिफल के लिए आँधी के थमते ही मन को हो जाता है इत्मीनान।
जिंदगी वो रास्ता है जो जीवन के उषा से मौत की निशा तक जाता है दुःख और सुख का ठहराव जैसे दोपहर और संध्या का पड़ाव फिर मुसीबतों का स्पीड ब्रेकर बन जाना और धैर्य को मील का पत्थर बन जाना जिंदगी के रस्ते की व्यथाएं और कथाएं हैं।
चल के तो देख यार, ख़ुदा मददगार है दोष न दे किस्मत को, तू ही कसूरवार है वो तो चाहता है कि तू प्रवाहवान बन पर तू चाहता है कि बैठ खायें गैर धन वजह यही है कि तुम्हारी कुंद धार है अब कह भला तू कि कौन कसूरवार है ?
जब सच सम्मुख आया मेरे दिल कितना घबराया था अलि कली मन बंधे हुए थे औ सन्नाटा छाया था खुद को कलुषित करती कैसे एक वही सरमाया था कल जिसको पाया पूजा था आज उसे ठुकराया था जब सच सम्मुख आया मेरे दिल कितना घबराया था
भावों की अतिशयता जहाँ मुझे दिखी लोग उसे अभाव कहते हैं साधनों की कमी को अ 'भाव' कहना मेरे समझ से परे है अ 'भाव' तो मैंने वहाँ देखी है जहाँ है साधनों की प्रचुरता।
कभी-कभी किसी की ग़लती की सज़ा किसी और को भोगना पड़ता है शायद पूर्वजन्म में या इसी जन्म में किसी के द्वारा अग्रिम के रूप में भोग ली गई होती है उस ग़लती की सज़ा या फिर किसी और के द्वारा की गई ग़लती की सज़ा भुगतेय रह गई होती है जो उसे भोगना पड़ता है बाद में ग़लती किए बिना।