Kanchan Chabuk   (Kanchan Chabuk)
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माना खुद से मतलब रखते है😏
पर इसका मतलब ये नहीं
कि हम मतलबी हो गए।😅
Joined 25 February 2022


माना खुद से मतलब रखते है😏
पर इसका मतलब ये नहीं
कि हम मतलबी हो गए।😅
Joined 25 February 2022
16 HOURS AGO

एक खत आज इश्क के नाम लिख दूं
थोड़ी दुआ थोड़ा सलाम लिख दूं
लिख दूं सभी सजदे तेरे नाम पर
कहो तो डिग्री में इश्क का बुखार लिख दूं
तेरे लिए कसमें लिखूं
निभाऊंगी जो रस्में लिखूं
तेरे साथ बिताए हर पल को पिरोकर
मैं यूं अपना सारा संसार लिख दूं
तू नज़र भरके देख ले ए आशिक़
तेरे लिए इश्क़ के त्यौहार लिख दूं।।

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16 HOURS AGO

एक खत आज इश्क के नाम लिख दूं
थोड़ी दुआ थोड़ा सलाम लिख दूं
लिख दूं सभी सजदे तेरे नाम पर
कहो तो डिग्री में इश्क का बुखार लिख दूं
तेरे लिए कसमें लिखूं
निभाऊंगी जो रस्में लिखूं
तेरे साथ बिताए हर पल को पिरोकर
मैं यूं अपना सारा संसार लिख दूं
तू नज़र भरके देख ले ए आशिक़
तेरे लिए इश्क़ के त्यौहार लिख दूं।।

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16 HOURS AGO

एक खत आज इश्क के नाम लिख दूं
थोड़ी दुआ थोड़ा सलाम लिख दूं
लिख दूं सभी सजदे तेरे नाम पर
कहो तो डिग्री में इश्क का बुखार लिख दूं
तेरे लिए कसमें लिखूं
निभाऊंगी जो रस्में लिखूं
तेरे साथ बिताए हर पल को पिरोकर
मैं यूं अपना सारा संसार लिख दूं
तू नज़र भरके देख ले ए आशिक़
तेरे लिए इश्क़ के त्यौहार लिख दूं।।

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2 MAY AT 15:38

मैंने मार दिया अपनी आत्मा को
इस शरीर को जिंदा रखा है
किसी को दिखा न सकी मन का घाव
ये सिर्फ़ मुझे दिखा है
कुतर लिए अपने ही पंख
कि उड़ान भर न सकूं
सच भी बोलूं तो किससे
सिर्फ़ झूठ को सबने चखा है
क्या मिलेगा मुझे
अपने गुनाह की सफाई देकर
क्यूं सुनूं दलीलें किसी की
जब दुनिया में सबने मुझे ढीठ लिखा है।।😢😔

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2 MAY AT 13:27

सिरहाने बैठी थी रात हसरत लिए
कि तेरे सारे सपनों को ले आऊं
तेरे मस्तिष्क का हर कोना
अपने हाथों से सजाऊँ
तेरी आंखों के रास्ते से
कोई भी बुरा ख्वाब न आ पाएं
तू आंखे बंद तो कर
मैं तेरी पहरेदार बन जाऊं।।

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2 MAY AT 13:18

कभी कभी चुप रहना ही भला होता है
क्योंकि जो तुम महसूस करते हो
उसे शब्दों में बयां कर पाना आसान नहीं होता
जो तुम समझते हो
उसे दूसरों को समझा पाना भी कठिन है
क्योंकि तुम्हारी परेशानी को देख कर
हर कोई परेशान नहीं होता।।

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30 APR AT 21:06

वो कहते हैं अपना ही घर समझो
सभी को अपना पाओगी,
बेटी की तरह रहोगी
और बहु के सारे फर्ज़ निभाओगी ।
तुम्हें फुरसत ही नहीं मिलेगी
पिछले रिश्तों को याद करने की,
रहोगी सबके दिल में
सबसे इतना प्यार पाओगी।

किसे बताऊं अपने दिल की
कैसे अपना हाल सुनाऊंगी,
अपनी बात रखूंगी सबके बीच
तो चरित्रहीन कहलाऊंगी।
बाप की लाडली बिगड़ गई
बस यही तानें पाऊंगी,
सत्ताईस साल तक एक घर की संस्कारी बिटिया रही
संस्कारी बहु कभी नहीं बन पाऊंगी।
संस्कारी बहु कभी नहीं बन पाऊंगी।।

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24 APR AT 22:18

चले आए सब शहर में
छोड़ कर आवो हवा गांव की
कारखानों का धुआं पीने लगे
छोड़ दी चौपाल छांव की
गर्मी में तपने लगा शरीर
ठंडक छिन गई पांव की
वो टहनी कोयल की रूठ गई
आदत हो गई कांव कांव की
घर छूट गया वो अपनेपन का
सवारी कर रहे है पराई नाव की
चले आए सब शहर में
छोड़ कर आवो हवा गांव की।।

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24 APR AT 20:17

इश्क छिपता नहीं है
इस जग से छिपाने में
लगता है डर इसलिए
दिल लगाने में
आग की लपटों सी
ये प्रेम गाथा फैल जाएगी
दीवारों का भी अहम किरदार होता है
सबको बताने में
उलझ जाता है हर शख्स
इश्क के जाल में जल्दी
वक्त लगता है साहिब
सबको इश्क समझने में।।

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21 APR AT 23:29

रात को लिखने चले थे
हिसाब–ए–दिन का
दिल बोला तेरे हिस्से का
आराम कहाँ है?
सुबह से शाम लिख डाली
पन्ने पे तुमने
तुम्हारे बहिखाते का
मुकाम कहां है?
चाँद छत पे आ बैठा है
दीदार को तुम्हारे
आखिर इस इंतजार का
अंजाम कहां है?

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