आज फिर उनकी यादों ने सताया है,
आंधियों जरा रुक के आना,
पहले यादों कि बरसात में भीग जाने दो।
मोबाइल कि घंटियों, वाट्स अप के मैसेजो,
जरा कुछ देर के लिए मौन भी हो जाओ,
हमें फिर से आज उनकी यादों को सिलना हैं।
कुछ देर तो यादों को धड़कन के साथ होने दो,
आज फिर उनकी यादों ने सताया है।।
कानों को उनकी आवाज जी भरकर सुन लेने दो,
अपनी डफ़ली बजाने वालों,
आंखों कि एकटक नजर हटने ना दो,
उनके ही सपनों में खो जाने दो।
फिर से आज उनकी यादों कि माला पिरोने दो,
धड़कनों के साथ यादों को जुड़ने दो,
हां फिर से आज उनकी यादों ने सताया है।।
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