Kamlesh Kumar Jangid   (Kamlesh kumar jangid)
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वैसे तो लिख दु सारे जमाने की खुशियाँ पर,
जो खुशी तुम्हे लिखने मे है वो जमाने मे कहाँ ||
Joined 26 April 2021


वैसे तो लिख दु सारे जमाने की खुशियाँ पर,
जो खुशी तुम्हे लिखने मे है वो जमाने मे कहाँ ||
Joined 26 April 2021
3 MAY AT 14:27

मैंने उसे झूठी कसमें खाते देखा है ,
किसी और की शेरवानी से अपना लहंगा मिलाते देखा है ,
तुम बताओ मैं कैसे सोच लू की उसकी शादी जबरदस्ती हुयी थी ,
मैंने उसको अपने शोहर के संग मुस्कुराते देखा है।
✍️💔✍️

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1 MAY AT 14:27

तेरी आंखों के दरिया में इस क़दर डूब गया मैं ,
जब भी मिला तुमसे फिर सब कुछ भूल गया मैं ll
✍️❣️✍️

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30 APR AT 23:06

यूं तो कहने को अलविदा कहदू उसे,
पर कैसे खुद से जुदा कहदू उसे ,
उसके बिना दिन रात अधूरे से लगते है ,
क्या इसी बहाने से खुदा कहदू उसे ll
✍️❣️✍️

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29 APR AT 14:46

सारी खूबियां लेके बैठा है ये शक्श ,
फिर भला वो क्यों ना करें अहंकार इसे पा कर ll
✍️❣️✍️

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26 APR AT 14:46

ये जो तू मुझसे बात करके एहसान जता रही है ,
मुझे पता है तू अपनी औकात दिखा रहीं है ,
और मैने सुना था एक मतलबी जात के बारे में ,
तू मुझे अब अपनी वो जात बता रही है l
✍️💔✍️

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23 APR AT 16:25

कपड़ों से महंगा मेरा किरदार दिखाई देता हैं,
तू बता मैं कैसे मान लूं कि कुछ बुराइयां थी मूझमें,
मेरी अच्छाई की तो मेरा हर यार गवाई देता है ll

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16 APR AT 14:46

जबसे कमाने लगा, जिमेदारियां बड़ती जा रही हैं,
रात निकाल जाती है यहीं सोचते सोचते,
इस बेफिक्र लड़के को इतनी समझ कैसे आ रही है ll
✍️😒✍️

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13 APR AT 10:37

मैंने लड़को को शराब पी कर अपनी मोहब्बत के लिए रोते देखा है ,
जनाब कौन कहता है इंसान शराब पी कर बहक जाता है ll
✍️💔✍️

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11 APR AT 14:41

कभी सोचा था तेरे संग गणगौर मनाने का ,
अब तेरे बाद दुख घनघोर मना रहा हु ll
😒

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11 APR AT 14:25

अब तेरी हर याद मेरे पास से गुजर जाती है ,
जब से जाना कि मोहब्बत कैसी भी हो आखिर में मुकर जाती है ll
✍️💔✍️

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