Kailash Rathi  
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Joined 4 April 2018


Joined 4 April 2018
27 NOV 2023 AT 21:59

26/11 मुम्बई का वह दिन
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K:-किसी दिन को याद ना करना चाहें तब भी
A:-आयेगा कैलेण्डर में हर बरस
I :-इससे जुड़ी दुखद यादें तड़पायेगीं हर बरस
L:-लेकिन उस दिन की सालती यादों संग
A:-आगे जीवन जीना है ,है यही जीवन ।
S:-सो गए चीरनिद्रा में जो बेकसूर और शहीद
H:-है उन्हें नमन, हमारा नमन ।
(कैलाश राठी,गुवाहाटी 26.11.2015)

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18 NOV 2023 AT 18:21

"जीतेगा भाई जीतेगा हमारा भारत जीतेगा"
जीत की दुआएं होंगी,
जोश भरे नारे होंगें,
लहराता तिरंगा होगा,
आप और हम साथ होंगें ।
भारत के हर रन पर,
तालियों की गड़गड़ाहट होगी,
विकेट जब चटकाएँगे,
तब गगनभेदी कोलाहल होगा,
आप और हम गले मिल रहे होंगें ।
हर शॉट पर, हर गेंद पर
हमारी प्रतिक्रिया होंगीं
लेकिन
हर शब्द ,हर बात ,हर चर्चा में
केवल और केवल
एक ही बात होगी
और वह केवल
भारत की जीत की बात होगी।
(कैलाश राठी,गुवाहाटी, 9101188520)
विश्वकप क्रिकेट फाइनल की पूर्वसंध्या पर
भारत-ऑस्ट्रेलिया,19.11.2023अहमदाबाद

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15 MAR 2023 AT 0:05

K:-कल किसने देखा ?
A:-आज है सँवारना हमें।
I :-इकट्ठा रहे समाज,
L:-लक्ष्य यह पाना हमें।
A:-आदतें छोड़नी होगी लड़ने की,
S:-सीख यही सबको देनी होगी,
H:-हिम्मत कर सच बात कहनी होगी।
कैलाश राठी,गुवाहाटी
☎️9101188520/9435117800


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12 FEB 2023 AT 13:40

बड़े बड़े सपने देखने चाहिये
लेकिन
सपनों को पूरा करने के लिए
काम करना पड़ता है ।
बुरे वक्त में ,
खुद का दिमाग न चले तो
हितैषी की सलाह
मानने में भलाई है

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16 OCT 2022 AT 0:49

"आशिक तेरे हैं अनेक"
तुझे लबों से छूने को,
दिल मचलता है ।
तू है बड़ी मोहक,
तेरे मोहपाश में,
बंध जाने को,
जी करता है।
तेरे कद्रदान मुझसे है बहुत,
तो कुछ को तू,
सौतन सी लगती है।
नज़रिया है जमाने का अलग अलग ,
कुछ तेरे कारण हैं सुल्तान ,
तो कुछ तुझे ही शैतान समझते है ।
तू है युग युग से ,
मौजूद धरा पर,
हर काल मे तेरा,
परिचय अलग अलग ।
कभी तू महफ़िल की शान,
तो कभी कलह का कारण बनती है।
अलबेली है री तू,
तुझे समझना चाहता हूँ मैं
छुप छुप कर तेरे,
रंग में रमना चाहता हूँ,
लगता है डर जमाने का,
कैसे कहूँ कि तू
ज़ाम की प्याली हो
तुझसे रंगीन दुनियाँ
और तुम मतवाली (शराब) हो
(कैलाश राठी,गुवाहाटी 9435117800)

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15 OCT 2022 AT 23:26

तुम आ रही हो,
मन प्रफुल्लित है।
तेरे आगमन के अहसास से,
रोम रोम रोमांचित है,
तुम बहुत प्रिय जो हो।
तेरी अनुपस्थिति,
मुझे परेशान कर देती है,
उस दौरान हरपल तुझे ,
याद करता हूँ,
तेरे बिना आहें भरता हूँ,
क्यूंकि तू है मेरी अजीज़,
तेरी सोहबत मुझे भाती है,
तेरे संग तन-मन,
स्फूर्ति से भरा रहता है।
तेरा यूँ सहज कदमों से
फिर से आना ,
मुझे भावविभोर करता है।
अब क्या छिपाऊँ सब से,
तेरा प्यारा परिचय,
तुम और कोई नहीं,
मेरी अजीज़ ,
मेरे दिल के क़रीब,
तुम प्यारी ऋतु शीत हो
(कैलाश राठी,गुवाहाटी 15.10.2022)

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25 NOV 2021 AT 23:46

"राष्ट्र को शर्मिंदा करने वालों से"
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K:-कौन सहिष्णु और कौन असहिष्णु ?
A:- आखिर मिलेगा क्या इस बहस में ?
I :-ईमान से पुछो खुद को , झूठी बहस करने वालों -
L:-लाज़ देश की उछाल तुम्हें मिलेगा क्या ?
A:-अपनी माँ को कोसता केवल अभागा कोई ,
S:-सोचो कभी ! मातृभूमि को लज़्ज़ित कर मिलेगा क्या ?
H:-है बहस/चर्चा के मुद्दे अनेक , किन्तु मातृभूमि पर कालिख़ पोत मिलेगा क्या ?
(कैलाश राठी,गुवाहाटी 25.11.2015)

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17 AUG 2021 AT 23:31

"हिम्मत कर कान्हा, आ जा मैदान में"
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K:-कहते हैं तूने द्रौपदी की लाज़ बचाई
A:-अब क्या तेरे नैनों पर गंधारी सी पट्टी चढ़ी है ?
I:-इस कलयुग में आकर देख
L:-लाक्ष्या-गृह बहुत है बने
A:-और दुशासन अनेक यहाँ
S:-सतयुग में होगा तू भगवान,मुरारी
H:-है हिम्मत तो कलयुग को आजमा के तो देख ॥

(कैलाश राठी गुवाहाटी 17/18-08-2014 कृष्ण जन्माष्टमी)

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15 AUG 2021 AT 0:14


K:-कभी मिल नहीं सकता वो,
A:अगर तेरी क़िस्मत में नहीं,
I :-इंसान कर ले चाहे जितने जतन,
L:-लेकिन क़िस्मत है, परम ।
A:-अपने ईश्वर पर विश्वास रख
S:-सब उस पर छोड़ दे
H:-हासिल होगा सब ,सिवा जो तुम्हारा नहीं।
(कैलाश राठी, गुवाहाटी 14.08.21)
☎️9101188520

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14 AUG 2021 AT 23:49


K:-कभी बूढ़ा नहीं होता इश्क़,
A:-ऐतबार ना हो तो कर के देख लो।
I :- इश्क़ रहता है जवां हर पल,
L:-लेकिन यकीन ना हो तो,
A:- आजमा के देख लो।
S:-सारी उम्र इश्क़ महकता रहता है,
H:-हाय! एक बार करके देख लो ।
(कैलाश राठी,गुवाहाटी 14.08.21)
☎️9101188520

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