Jyotsana Srivastava   (Jyotsana)
1.9k Followers · 1.7k Following

read more
Joined 5 June 2021


read more
Joined 5 June 2021
YESTERDAY AT 1:43

शाम का ये मंज़र , मौसम सुहाना सा .
बहती हवाएँ मंद मंद यहाँ .
पंछी की चहचहाहट.
रंगों में सिमटा आसमान .
हर लम्हा एक ख्वाब जैसा यहाँ.
आज की शाम कितनी खूबसूरत है .
कुदरत की कारगारी हो जैसे .
दूर तक पहाड़ों पर.
खामोशियाँ बसर करती हैं यहाँ.
शाम का ये मंजर आंखों में बस गया जैसे.

ज्योत्सना श्रीवास्तव

-


26 APR AT 1:19

वो लम्हे पहेली से .
आब-ए- रवाँ जैसे
गुज़र गये .
लफ़्ज़ खोजते रहे .
फिर ख़्वाबों में बातें कह दी .
लफ़्ज़ सुन लिया शायद ख़्वाबों में.
ये रूह का रिश्ता है शायद
कितना खूबसूरत .
ज्योत्सना श्रीवास्तव

-


25 APR AT 1:26

फिर एक पहेली सी ये
जिंदगी लगी आज.

कोशिशें ह्ज़ार दिल से
भूल जाना था.

वो राहें भी खोजती थी जिन्हे .
आज फिर मिल गए एक मोड़ पर जिंदगी के.

फिर यादों की बारिश बेवजह सी
बरसने लगी आंखों से .

भूल जाना था .फिर भी ना जाने क्यों ये सिलसिले .
आज फिर पहेली सी लगी जिंदगी..
ज्योत्सना श्रीवास्तव

.

-


24 APR AT 2:00

Paid Content

-


23 APR AT 1:56

अगर तुम नहीं होते तो
राहें जिंदगी की,
यूँ ही चलती रहतीं.
ख़ामोश पगडंडियों पर.
तुम यूं आये ज़िन्दगी में
जैसे कितने मोगरे के पुष्प खिल गये हो
राहों के किनारे
जिंदगी के सफ़र में .
Jyotsana Srivastava

-


22 APR AT 1:07

इन राहों पर चलते चलते,
ज़िन्दगी के खूबसूरत सफ़र पर
हर शख्स को मंजिल की तलाश है.
कच्चे रास्ते और पगडंडी भी मिलेंगी यहाँ .
रास्ते अक्सर, आसान नहीं.
रास्तों पर कभी गुलमोहर के
खिले फूलों का मंज़र मिलेगा.
कभी बरस्ती बारिशें भी.
कभी धूप, कभी किनारे ख़ूबसूरत से .
बस चलते रहिये मंजिल की दिशा
मंजिल भी आपकी तलाश में है साहिब .

ज्योत्सना श्रीवास्तव

-


21 APR AT 1:18

ख़ामिशियों से प्यार करना एक इबादत जैसे .
खामोशी बहुत कुछ कह देती हैं
खामोश रह कर भी .

अक्सर ख़ामोशियाँ कह देती हैं वो लफ़्ज़
जो कभी मिलते नहीं.
हम खोजते रह जाते हैं लम्हा लम्हा जिन्हे .

खामोशियाँ फूलो में बस गई ख़ुशबू जैसी.
खामोशियाँ ओस की बूँदें जैसी रुकी रुकी .
खामोशियाँ सुकून जैसी.

ज्योत्सनाश्रीवास्तव .

-


19 APR AT 18:03

ज़िक्र हर बार
हो जाता है नज़्म में.
पन्नो पर बिखर जाते हैं,
हर्फ़ बेशुमार.
अहसासों की स्याही है. .
हाथों की रेखाओ में खोजते रहे .
ज़िक्र हर बार उनका ही .

ज्योत्सना श्रीवास्तव

-


19 APR AT 1:56

जिंदगी की एक मोड़ पर
मिल गए वो कुछ यूँ जैसे,
एक भूली याद हो जो,
शायद कभी भूल ही न पाए.
फिर लौट आई हो .
जैसे फूलों में खुशबू सिमटी हुई .
खुबसूरत हवा के झोंके की तरह लम्हों में .
फिर ख्वाबों के आईने से बातें दिल की .
जिंदगी के एक मोड़ पर मिल गए वो .

ज्योत्सना श्रीवास्तव

-


18 APR AT 1:20

समंदर की लहरें दूर से आती हुई,
कितनी खामोश सी लगती हैं.
अपनी ही धुन मे रहती हैं अक्सर .
साहिल की रेत पर हर दिन
लिखे होते हैं कितने सपने कितने अरमान दिल के.
ये सब देख ख़ामोश सी लहरें गुज़र जाती हैं चुपके से .
अपने ही साहिल से मिलने .
कभी सुबह का मंज़र, कभी शाम के खूबसूरत रंगों का
आसमान यहाँ साहिल पर .
चली जाती हैं फिर समुंदर की दिशा .
लौट के आ जाने के लिए फिर .
ये सिलसिला चलता रहता है यूँ ही.
शायद जिंदगी के ,खूबसूरत सफ़र की तरह .
ज्योत्सना श्रीवास्तव .




-


Fetching Jyotsana Srivastava Quotes