Jwalpa Tiwari   (.........jp❤️✏)
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Joined 30 July 2019


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18 FEB AT 1:41

पूरे किस्से कैसे हो मेरे किताब के........कुछ कहानियों के किरदार ही अधूरे होते है..........

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12 FEB AT 15:05

मैं गुस्ताख नज़्म का सलीका हूं.......तुम शराफत की मौसिकी बन जाओ..........

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12 FEB AT 14:48

कुछ गुस्ताक कलम की मज़बूरी भी रही होगी......जो दर्द की जगह हर्फ लिख दिया........

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5 JAN AT 22:34

कुछ लफ्जों की गुस्ताखी,
कुछ झुकी नजरो का कमाल था,
कुछ अधरो में फसे लफ्ज़,
कुछ खामोशी का अंजाम था,
वो शायर अब शायर न रहा,
कुछ कलम में दर्द ,
कुछ पन्नो में रंगत का इमाम था,
स्याही भी सफेद ही निकली,
मेरे किस्मत की रंगत में इश्क,
दोनो का लाल था,

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5 NOV 2023 AT 1:13

कुछ छुपी किताब सा है वो,
किसी ख्वाब सा है वो,
मुझे भरोसा नही
इश्क, जज्बात ,तलास पर,
पर मेरी अनकही प्यास सा है वो,

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12 OCT 2023 AT 2:03

नित नियम की धारा मे,
जिंदगी कुछ अज़ाब सी है,
सौंदर्य कतुहल का छाया है,
नैन की छवि नसाज़ सी है,
कैसे देखे अधर उस राही को,
जिसकी राह ही अंजुमान सी है,
बढ़ तो जाए साथी बन कर मन,
पर मंजिल ही भरमान सी है,
खोया हुआ है पथिक अभी,
पथ साथी ही बीरान सी है,
जीवन की इह लीला में,
पथिक चुने किस को राही,
चल करते है निर्माण नया,
ये भी तो सबाब सी है,
नित नियम की धारा मे,
जिंदगी कुछ अज़ाब सी है,

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24 MAY 2023 AT 11:40

मैंने सुकून की तलाश में
जहानियत को अपना लिया
अपनो की उम्मीद नही
किसी और को न जगह दिया
मैं दर की रोशन आरा थी
दीप खुद ही बुझा दिया
पतंगा बन जिस भ्रमण में यू
वास्तविकता में उड़ी हूं मैं
अब लौ को गले लगा लिया
मैंने सुकून की तलाश में
जहानियत को अपना लिया


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12 MAR 2023 AT 15:19

तन्हाई ही जिंदगी का फलसफा सा है,
वो हाजिर जबाब देने वाला बेवफा सा है,
मैं यूं कब तलक बैठू इंतजार में उसके,
सांसों का भी दम अब सफा सा है,

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20 JAN 2023 AT 19:47

बादशाहत भी गुम गई नाफरमानी के रुआब में,
कभी हफीज़ मुक्कमल सच तो कहा होता,
निभाने को बैठे थे बहुत सजदे गुनाह भी,
कभी किसी को सच से अपना लिया होता,

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15 DEC 2022 AT 0:36

कभी - कभी जिंदगी तेरा मुकाम झूठा लगता है
तू दे रही है महलों सी जिंदगी पर क्या करू
जब मकान भी झूठा लगता है


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