गज़ल शौक को आजम-ए-सफ़र रखिए 2 बे ख़बर बनके सब ख़बर रखिए चाहें नज़रे हो आसमानों पर 2 पाऊं लेकिन ज़मीन पर रखिए कब तलक ख़ुद को बेखबर रखिए जानें किस वक्त कूच करना हों अपना सामान मुख्तसर रखिए और बात है क्या ये कोन परखेगा 2 आप लहज़े को पुर्रासर रखिए एक तुक मुझको देखें जाति है 2 अपनी नज़रों पे कुछ नज़र रखिए जानें किस वक्त कूच करना हों अपना सामान मुख्तसर रखिए
ये इश्क़ वो हैं जिसने बहरो बर खराब कर दिया हमें तो इसने खासकर खराब कर दिया में दिल पर हाथ रख कर तुझको शायरी भेज तो दु मगर तुझे भी अगर उन हवाओ ने खराब कर दिया
किसी का नाम लिख के किसी ने पिंग डाला के मोहब्बतो की आड़ में काशिफ किसी ने खराब कर दिया
इब्ने मरियम हुआ करे कोई तेरे दुख की दवा करें कोई, बात पर वहां जुबान कटती है वो कहे और सुना करे कोई कर रहा हूं जूनू मैं क्या-क्या कुछ -"कुछ ना समझे खुदा करे कोई" "ना कहो अगर बुरा कहे कोई ,"ना करो अगर बुरा करे कोई ,"रोक लो अगर गलत चले कोई" बख्श दो अगर खता करे कोई