दोस्त के माध्यम से जिंदगी में आया धीरे धीरे कविताओं का बन गया साया कविताओं को सही तरीके से दर्शाया रोजाना नया चुनौती लेकर आया अब वक्त है इसे अलविदा कहने का अगले app की तरफ आगे बढ़ने का😜— % &
नियम से चलकर नियम को तोड़ना सपनों में चलकर सपनों को तोड़ना राह में आड़े ऊंचे दीवार को तोड़ना बांधे हुए अदृश्य जंजीरों को तोड़ना मन को अपना मीत बना के जोड़ना वातावरण को जीत बना के जोड़ना जो भी मुश्किल आए सबको तोड़ देना तेरे हाथ है अब अंगार,किस्मत को फोड़ देना।।
तू पानी की बूंद समुद्र का वंशज हिला ना पाए कोई तू रामायण का अंगद झुका ना पाए कोई तू तारों का आसमान गिरा ना पाए कोई तू हमें सम्हाले ये जहान हरा ना पाए कोई तू खेल का मैदान डरा ना पर कोई तू हैवानों का हैवान तू चलता समय रोक न पाए कोई ये निशान है तेरा भुला ना पर कोई।।
पहाड़ से देखा,इमारत से देखा दुनिया की शीर्ष चोटी से देखा दिखता है बस तेरा जहान ऊंचा है तेरा आसमान पक्षियों को जहां उड़ते देखा लोगों को जहां चढ़ते देखा वो तो है बस तेरा जहान ऊंचा है तेरा आसमान।।
तिरंगे की शान में सबकी नजरें उठे भारत मां की जय में,आवाजें जलधि सी उठे हिमालय की चोटी,सिंधु की बूंदे हर कण में केवल भारत ही गूंजे आजाद है भारत तो आजाद है मान हो जाए जान निशार पर झुके ना तिरंगे की शान।।
उनके आवाजों में रौनक होती है उनके कदमों से आंगन में चमक होती है उनकी बातें जन्नत सा शेर हैं उनके होने से ही धन की वर्षा करते कुबेर है कई रूप है इनके पर सबसे प्यारा बचपन है सोचो तो ये पूरी श्रृष्टि की धड़कन है।।
ऐ नसीब में न होने वाले वक्त से पहले सताया ना कर इर्द गिर्द भी नहीं तू मेरे नजारों के पास हूं ऐसा जताया ना कर ताले लगे खुशियों के पिटारों का नकली चाबी छोड़ जाया ना कर आंखें रहती है बस तेरे ही इंतजार में उनमें यूं चश्मा लगाकर जाया ना कर।।
कभी कभी जो तूने याद किया माफ मैंने सब फरियाद किया बात वही पर तू नहीं बारिश ना होने से बदलता ऋतु नहीं गीत नहीं,संगीत नहीं तू मेरा कोई जीत नहीं मेरे भावनाओं का बक्सा है मेरे दिल के जमीं का नक्शा है।।
खाली खाली सा मन, जागता हुआ तन सांसों और धड़कनों का भागता हुआ धुन खुली आंखें और सोता हुआ नजरिया पानी ही पानी पर लगता ना दरिया वो एहसास अलग है नई बातों का एक ही विचार पे टिकी चलती बातों का।।