Gyan Prakashh   (©𝓖𝔂𝓪𝓷)
734 Followers · 3.7k Following

read more
Joined 21 May 2021


read more
Joined 21 May 2021
22 MAR AT 7:53

क्या कहूं क्या मोहब्बत है,

हर बार समझना मेरी आदत है,

उसे अपनी चीखों में मैं पाऊं

उसकी तस्वीर मेरी कमजोरी,

और ना जाने कैसे वही ताकत है।

-


27 FEB AT 1:54

खुद के मन की शांति का,
ज़िम्मेदार कोई क्यूं होगा,
तू ख़ुद होगा और सिर्फ तू होगा।

-


15 FEB AT 11:59

शुरू मैं हूं या कि,
अंत मेरा है...
मेरी पहचान क्या,
मेरी जान तुम बिन मेरी जान क्या,
मैं खुद पे तरस नहीं खाता तुम्हारे बिन,
और पूछते हो मैं बेचैन कितना तुम्हारे बिन,
हथेली की जो भी साजिश है लकीरों के सहारे,
उकेर दूंगा लाल पंक्तियां इनपर और सारे इश्क़ के नारे हमारे!

-


7 JAN AT 17:27

सारा सुकून मेरा सिर्फ तुमसे,
मैं तुमसे.....मेरा वजूद तुमसे।

-


8 DEC 2023 AT 3:09

My heart is so full of you.
I hardly can call it mine..
It is you.........it is yours!

-


25 NOV 2023 AT 8:29

उनके इश्क–ए–गम भी,
हमारे जीने का सहारा है।

-


1 NOV 2023 AT 9:47

रुआंसें हम गम–ए–ज़िंदगी से कैसे ना हुए,
क्या पैमाना बदल गया है आंसुओं के लिए,
झरझरा जाती हैं मेरी बंजर आँखें तेरे जिक्र से,
मगर दिल में जली आग जरा सी बेदम ना हुई।

-


30 OCT 2023 AT 1:20

मेरी ख्वाहिशों का क्या गज़ब हिसाब लगाया है,
दिल मेरा हूक पर है और तुमने कैसा जवाब लगाया है,
तुम्हारे मन मुताबिक़ सोचने से सब मुमकिन हो जाता है क्या,
फिर तो जिंदगी को छोड़ मैंने मौत को गले वाज़िब लगाया है।

-


27 OCT 2023 AT 1:23

यूं मेरी उम्मीदों को मुझसे परे कर दो,
हां साकी ज़ख्मों को और गहरे कर दो,
कि कुरेद कुरेद दबे–तहे हुए अकेलेपन को,
तड़प की आंच में और हल्के सुनहरे कर दो।

-


16 OCT 2023 AT 21:14

जब सन्नाटा खाने को दौड़े,
तब तुम ही मुझे बचाती हो,

जब जीने की राहें बंद हो जाएं,
तब तुम मेरी मकसद बन जाती हो,

क्या हो तुम मेरे मैं ही मैं बस जानूं,
कहीं सांसें तो कहीं मेरी परछाई बन जाती हो,

तुम्हारा होकर भी मैं तुम्हारा इक पल होने को तरसू और,
कभी तड़प कभी तरस कभी तुम मेरी हमराही बन जाती हो।

-


Fetching Gyan Prakashh Quotes