आज फिर से इन आंखों में अरसों बाद ये काजल लगा है,
आज फिर से इन कानों ने वो लम्बे झुमके पहने हैं,
आज मेरी पायल भी गीत गा रही थी,
वही हमारा वाला,
याद है ना?
आज मेने लाल रंग पहना है,
पसंद थी ना तुम्हारी,
बिंदिया आज भी वो काली जच रही है,
और अंगूठी वही जो तुमने दी थी,
याद है ना?
मौसम वही, शहर वही, गलियां वही,
जगह वही, मैं वही तुम नहीं,
चाय कड़क वो अदरक वाली,
वो कोने वाली कुर्सी आज भी खाली है,
याद है ना?
पूछ रहे थे तुम्हारे बारे में,
वो सफेद दाढ़ी वाले अंकल,
बारिश आई, छत ढूंढी, धूप निकली,
मैं बाहर, क्या जवाब देती,
कहते हैं कहां गया वो तुम्हारा गुमनाम साथी,
पूछे तुम उसे याद तो होना?
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