शायरी,गजलें,नज्में और कवितायें....
इन्हें पढने से सुकून मिलता है,ठीक उतना ही जितना तुमसे बात होने पर,इसे मैं पढता भी तभी हूं,जब तुम्हारी याद आ रही होती है,या तुम्हें याद कर रहा होता हूं,तुम्हें शायद बस ये चन्द लाईनें भी लग सकती है,पर हम जैसे तन्हा लोगों के लिये ये मुक्क्मल जिंदगी है!
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