Finally time to let go of all past stringsSolo travel on weekendsDon't meet much. Spend time with yourselfBe Kind. Be Human. -
Finally time to let go of all past stringsSolo travel on weekendsDon't meet much. Spend time with yourselfBe Kind. Be Human.
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A father's emotion for his just born baby daughter:आज मुझे मेरे हाथों में जन्नत मिली हैलोग बेटा मांगते हैं मुझे बेटी मिली हैमां के जाने के बाद उसकी आवाज़ को तरसता था मैंआज बिटिया की खिलखिलाहट में मुझे मां की लोरी सुनाई दी है ❤️❤️ -
A father's emotion for his just born baby daughter:आज मुझे मेरे हाथों में जन्नत मिली हैलोग बेटा मांगते हैं मुझे बेटी मिली हैमां के जाने के बाद उसकी आवाज़ को तरसता था मैंआज बिटिया की खिलखिलाहट में मुझे मां की लोरी सुनाई दी है ❤️❤️
उसके चेहरे को मैंने इस कदर अपने ज़ेहन से मिटा दिया हैमैंने खुद से भी मुलाकात करना छोड़ दिया हैवो कहती थी तुम्हारी बाहों में मुझे सुकून मिलता हैमैंने खुद को भी गले लगाना छोड़ दिया है इस बार एक ऐसा सबक सीखा हैउसके नाम के लोगों से भी मिलना छोड़ दिया है।। -
उसके चेहरे को मैंने इस कदर अपने ज़ेहन से मिटा दिया हैमैंने खुद से भी मुलाकात करना छोड़ दिया हैवो कहती थी तुम्हारी बाहों में मुझे सुकून मिलता हैमैंने खुद को भी गले लगाना छोड़ दिया है इस बार एक ऐसा सबक सीखा हैउसके नाम के लोगों से भी मिलना छोड़ दिया है।।
A well wished farewell is always a quiet and peaceful one. You just slip away quietly. Without being noticed. Remove it from your mind that you will be missed. Focus on yourself. You deserve peace. Go underground. Work on yourself!! -
A well wished farewell is always a quiet and peaceful one. You just slip away quietly. Without being noticed. Remove it from your mind that you will be missed. Focus on yourself. You deserve peace. Go underground. Work on yourself!!
दिल बेचारा दौलत के आगे हार गयाअमीरी का रुतबा गरीब की ख्वाहिशें मार गयाजिसने भी कहा है मोहब्बत और जंग में सब जायज़ हैउसे क्या बताएं इस ज़माने में ऐसा सोचना भी नाजायज है 😅 -
दिल बेचारा दौलत के आगे हार गयाअमीरी का रुतबा गरीब की ख्वाहिशें मार गयाजिसने भी कहा है मोहब्बत और जंग में सब जायज़ हैउसे क्या बताएं इस ज़माने में ऐसा सोचना भी नाजायज है 😅
गरीबों के लिए मोहब्बत लफ्ज़ भी ज़हर है जनाबमेरी शायरी में तुम्हें उसकी महक आती नहीं ?? -
गरीबों के लिए मोहब्बत लफ्ज़ भी ज़हर है जनाबमेरी शायरी में तुम्हें उसकी महक आती नहीं ??
दो पल कोई प्यार से बिता ले मेरे साथमुझे इससे ज़्यादा की उम्मीद ही नहींमौसम बदलते रहते हैं मेरी खिड़की के बाहरमुझे अब बारिश में भीगने का शौक ही नहींकलम की श्याही सुखी जा रही हैमुझे डायरी लिखने का अब शौक ही नहीं तेरे साथ जीता तो सौ दफा मरतामुझे अकेले जीने का गम ही नहीं ।। -
दो पल कोई प्यार से बिता ले मेरे साथमुझे इससे ज़्यादा की उम्मीद ही नहींमौसम बदलते रहते हैं मेरी खिड़की के बाहरमुझे अब बारिश में भीगने का शौक ही नहींकलम की श्याही सुखी जा रही हैमुझे डायरी लिखने का अब शौक ही नहीं तेरे साथ जीता तो सौ दफा मरतामुझे अकेले जीने का गम ही नहीं ।।
जिनके कंधों पे बोझ हो उन्हें गिराया नहीं करतेजिनके टूटे हों दिल उन्हें रुलाया नहीं करतेगरीब की गरीबी का फायदा लेने वालों याद रहेईश्वर को बेवजह सताया नहीं करते।। -
जिनके कंधों पे बोझ हो उन्हें गिराया नहीं करतेजिनके टूटे हों दिल उन्हें रुलाया नहीं करतेगरीब की गरीबी का फायदा लेने वालों याद रहेईश्वर को बेवजह सताया नहीं करते।।
एक अर्से से जो कैद थे मेरे ज़हन में उसके ख़यालों को आज मैंने आज़ाद कर दिया ! -
एक अर्से से जो कैद थे मेरे ज़हन में उसके ख़यालों को आज मैंने आज़ाद कर दिया !
किसी के हिस्से में मक़ान आया किसी के हिस्से में दुकान आईमैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई- मुन्नवर राना -
किसी के हिस्से में मक़ान आया किसी के हिस्से में दुकान आईमैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई- मुन्नवर राना