फिर से तुमसे वो पहली वाली मुलाकत करनी है, अजनबी बन कर आंखों से बात करनी है। कैद कर लेना है उन हसीन लम्हों को कुछ इस तरह, हमे बिन बादल आंखों से बरसात करनी है।
आग दामन में लगा कर हवा देते हो, बड़े ही प्यार से मरने की दवा देते हो.. मुझको मरने के लिए तेरा गम ही काफी है, समझ में नहीं आता फिर ये कैसी सजा देते हो..
याद करते हर पल तुमको, चाहे दिन हो या रैन देखूं रस्ता तुम कब आओगे, कब आए मुझे चैन दिन बीते, बीती है रांते, दिल भी हो रहा बेचैन, आ जाओ अब मोर पिया, भीग रहे मेरे दो नैन