दिन, वार ,महीना सब आए लेकिन बात पुरानी है। मेरी नन्ही सी गुड़िया अब तो हुई सयानी है। जन्म दिवस के इस अवसर पर खुशियों की दौड़ सुहानी है सपने सारे सच कर लाओ यह मां के दिल की वाणी है
परिंदों से सीखो ,पर खोल गगन में उड़ना। निज पंखों पर लिए भरोसा,बाधाओं से भिड़ना । दूर देश मंजिल हो चाहे , पाकर उसको रहना। बिसरा कर सारी बाधाएं, मन मस्त मगन हो रहना।
सफ़र सिखाता है हमको,हर ऊंच- नीच को सहना देख समझकर सारी बातें ,तब अपना कुछ कहना नहींभला है अधिक ठहरना, हमको चलते रहना मंजिल लगा रही आवाजें ,बस हमें लगन से सुनना