जिंदगी की किताब में ,
एक पन्ना इश्क के नाम होगा ।
गर ढूंढना चाहो उस पन्ने को तो ,
तुम्हें पूरी किताब को पढ़ना होगा।
पूरी किताब पढ़ने के बाद भी,
गर तुम्हारी तलाश अधूरी रह जाए ,
और तुम उस पन्ने को ना ढूंढ पाए,
तो समझ लेना मेरे यार !
तुम कभी इश्क की भाषा ही नहीं पढ़ पाए ।
और आखिर में बेहद कोशिश के बाद,
होकर हताश और निराश ,
जब तुम अंतिम पन्ने पर पंहुचोगे
तो तुम्हें दिखेगा एक शब्द रहित कोरा पन्ना,
जिसे भरना है तुम्हें अपनी कलम से ,
और तुम्हारी कलम को शब्द देंगे मेरी भावनाएं।
तब जाकर तुम्हारे और मेरे बीच ,
इस एक पन्ने की दूरी खत्म होगी।
और मेरी जिंदगी की ये अधूरी किताब पूरी होगी।
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