Dinesh Sharma   (Dinesh ❣[RemotePoetry] ✍)
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Joined 12 January 2018


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11 FEB 2022 AT 21:47

हांथों में हांथ डाल के एक दूजे को सब कुछ मान के
चलो एक वादा हम तुम करे मिले यूँ की बिछड़े न हम कभी

निगाहों में निगाहें डाल के एक दूजे पे सब कुछ वार के
चलो एक वादा हम तुम करे मिली है निगाहें तो निगाहों से दूर न होंगे कभी

बाहों में बाहें डाल के एक दूजे को सब कुछ सौप के
चलो एक वादा हम तुम करे दो जिस्म एक जान बन जुदा हम न होंगे कभी

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11 JAN 2022 AT 22:45

उनकी हर छोटी बड़ी बातों से फर्क पड़ता था
जाने किन किन गलतफमियों का शिखर था

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19 NOV 2021 AT 3:07


खलिश है एक सीने में और आग कोई जली नहीं
कमी है बस एक तेरी और पाने की चाहत ही नहीं
क्यों ऐसा मैं हो जाता हूँ तन्हाई में भी तन्हा नहीं
बातें हजारों होती है पर बातों में मैं हूँ ही नहीं
दूर हुए अपने कई मैं अपनों में अपना नहीं
क्यों तरसेंगी वो आंखें जिनमे मैं हूँ ही नहीं
तोड़ गए जो छोड़ गए मैं उनसा हूँ ही नहीं
आज भी बैठा हाँथ थामे जो मेरा कभी था ही नहीं

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7 NOV 2021 AT 22:45

किस्मतों में हो जुदाई तो क्या होता है
रिस्ते नातों और वादों से क्या ही होता है

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30 OCT 2021 AT 2:28

न जाने कितने कस्मे वादे महज बातें बन के रह गई
न जाने कितनी बातें महज यादें बन के रह गई..

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1 AUG 2021 AT 8:59

तुम हो तो है रोशन जहां खुशियों का मेरा
जो तुम न हो तो मै अंधकार सा
तुम हो तो है बातें सारी मेरी
जो तुम न हो मैं बिरान सा
तुम हो तो है पहचान मेरी
जो तुम न हो मैं कुछ भी नहीं
मेरे खुशी का ठिकाना
यार तुमसे ही है अपना याराना
दोस्ती का मतलब तुमसे ही जाना
सच्ची यारी है क्या तुमने ही सिखाया
रूठना मनाना गुस्सा और हक़ जताना
तुम न होते यार मेरे
रूठता ही कौन मुझसे
तुम न होते यार मेरे
तो मैं मनाता ही किसको
तुम न होते यार मेरे
मैं हक़ जताता ही किस पे
तेरे होने ही है मेरी दोस्ती
जो तुम नही यार मैं कुछ भी नहीं
रहता है हर पल खयाल
यार मेरा संभाल लेगा
मुझे खाख से उठा के
आसमा में बिठा देगा
जी करता है तेरी दोस्ती पे सब कुछ वार दूँ
ये छोटी सी ज़िन्दगी तेरे दोस्ती के नाम कर दूँ

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13 JUN 2021 AT 23:27

साल दर साल बीतता रहा
मैं रेत सा फिसलता रहा
थाम रखा था वजूद अपना
खुद ही से मैं हारता रहा

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6 JUN 2021 AT 14:25

मंजिल तय है तेरी भी और मेरी भी
रास्तें करवटें लेगी इधर भी उधर भी
गर तय होगा मिलना किस्मतों में
किसी रास्ते में फिर मुलाकात होगी

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4 APR 2021 AT 9:29

जानते है जो लोग यहां वो समझते नहीं
जो समझता है वो जानना चाहता नहीं

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29 MAR 2021 AT 7:56


आंखों का काजल थोड़ा सर पे लगाना
यार खुद को सबकी नजरों से बचना

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