जाते-जाते भी उसका शहर बहुत कुछ दे गया मैं स्टेशन पर उसे यूँ ही खड़ा देखता रह गया... उम्मीद उसे भी थी शायद मैं पहल करूँगा उससे ये उसका वहम था जो सिर्फ वहम ही रह गया...
मुझको मिलती है मैं छोड़ देता हूँ.. मैं नौकरी और मोहब्बत पर ज्यादा जोर नही देता हूँ.. हाल ही में तीन-तीन मौके ठुकरा दिए मैंने.. मैं अपने उसूलों से कभी समझौता नही करता हूँ