लिखते हैं कुछ अल्फाज़, इस दीपावली उनके लिए भी.....
जिन्होंने दिया🕯️ तो बहुत बनाया पर शायद दिया जला न सके एक आश हैं कभी वो भी निराश न होके दिया जला सकेंगे,
मिले हैं हम उनसे भी जिन्होंने ख़ुद को जोखिम में रख के देश की सुरक्षा का दीया 🕯️ दिल में जलाया हैं, पर शायद उम्मीद हैं वो भी कभी अपनो के पास होंगे..
कुछ तो यूं नादान हैं जिनकी सिर्फ़ एक पहचान हैं तू है अकेला तेरा नहीं हैं कोई अपना, उनको भी एक आश हैं शायद कोई दे हाथ रख, उनको कहे आओ मनाए दीपावली क्योंकि ये पर्व हैं बहुत खास,
माना की 21वी सदी हैं, पर फिर भी बहुत कमी हैं, बात करे तो बातें ही रह जाएगी, अगर तू चाहता है, कुछ अलग कर, तो जा इनसे मिल, मिलेगी तुझे इंसानियत का नजारा, तू बनेगा बेहद अलग इन्सान हैं आस उनको भी हैं,
उम्मीद हैं की तू जाएगा शायद तभी दीपावली पूरी होगी तभी मिलेगा असली सुख तभी कहेंगे शुभ दीपावली।
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